संवेदनशील मुद्दे राजनीतिक तरीके से उठाना ठीक नहीं: भारत-चीन सीमा विवाद पर बोले रीजीजू

punjabkesari.in Wednesday, Dec 21, 2022 - 04:17 PM (IST)

नई दिल्लीः चीन-भारत सीमा मुद्दे पर संसद में चर्चा की विपक्ष की मांग के बीच, कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को कहा कि संवेदनशील मुद्दों को राजनीतिक रूप से उठाना ठीक नहीं है। साथ ही रीजीजू ने पिछले उदाहरणों का हवाला दिया जब तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने ऐसे मामलों पर सदन में विचार-विमर्श से इनकार किया था। संसद भवन परिसर में रीजीजू ने इस मुद्दे पर संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि सीमा का मुद्दा बहुत संवेदनशील होता है और संसद में परंपरा है कि सदन में इस तरह के मामलों पर चर्चा नहीं की जाती।

कानून मंत्री ने का ‘‘आपको याद होगा कि 2005 में जब मैं विपक्ष में था तो मैंने चीन सीमा का मुद्दा उठाया था। तब दिवंगत प्रणव मुखर्जी सदन के नेता थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे फोन कर कहा था कि चीन सीमा का मुद्दा बहुत संवेदनशील है इसलिए, इस पर संसद में चर्चा नहीं की जानी चाहिए और इसे आंतरिक रूप से निपटाया जाना चाहिए। उसके बाद हमने चर्चा के लिए दबाव नहीं डाला था।'' उन्होंने कहा कि 2008 में, जब चीनी राष्ट्रपति भारत आए थे तब एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने चीन सीमा मुद्दे पर चर्चा की मांग की और लोकसभा में नोटिस दिया था।

 अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्य रीजीजू ने कहा, ‘‘प्रणव मुखर्जी ने एक बार फिर कहा कि इस मुद्दे को संसद में नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने तब कहा था कि सरकार आंतरिक रूप से (चीन से संबंधित) मुद्दों को देखेगी और समाधान संसद के माध्यम से नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से बताए जाएंगे।'' रीजीजू ने कहा कि तब विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस पर चर्चा के लिए दबाव नहीं डालने पर सहमत हो गए थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘आज वही कांग्रेस पार्टी बार-बार चर्चा की मांग कर रही है। हमें इस बारे में सोचना चाहिए कि राष्ट्रीय हित में क्या महत्वपूर्ण है। एक संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रूप से उठाना और (लोगों को) गुमराह करना ठीक नहीं है।'' उन्होंने दावा किया कि 2013 में ए के एंटनी रक्षा मंत्री थे, और तब उन्होंने संसद को विस्तार से बताया था कि कांग्रेस की नीति सीमावर्ती क्षेत्रों को विकसित न करने तथा बुनियादी ढांचा तैयार न करने की है।

रीजीजू ने कहा ‘‘यह नीति सही नहीं थी क्योंकि इससे सुरक्षा बलों की आवाजाही बाधित होती है और वहां रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज कांग्रेस अपना ही इतिहास भूल गई है।'' गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में नौ दिसंबर को संघर्ष हो गया था। चीन के साथ सीमा को लेकर दोनों पक्षों के बीच दशकों से विवाद है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सहित विपक्षी दल चीन सीमा मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा की मांग कर रहे हैं। सात दिसंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र के शुक्रवार को संपन्न होने की संभावना है।


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Content Writer

Yaspal

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