टैरिफ विवाद में उतरा इजराइलः बोला-"भारत का रूसी तेल खऱीदना गलत नहीं, हम PM मोदी के साथ"! पर्दे के पीछे बहुत कुछ हो रहा

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 12:38 PM (IST)

International Desk: अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद और रूसी तेल आयात पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इजराइल ने भारत का मजबूती से समर्थन किया है। इजराइल के वित्त मंत्री  बेज़ालेल स्मोट्रिच ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका अपने मतभेदों को आपसी बातचीत से सुलझा सकते हैं और इस मामले में इजराइल भारत के साथ खड़ा है।
 

स्मोट्रिच ने कहा: "रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हैं, लेकिन भारत और अमेरिका इस मुद्दे को आपस में सुलझा लेंगे। हमारे तीनों देशों भारत, अमेरिका और इजराइल के बीच लंबे और गहरे रिश्ते हैं। मतभेद होना स्वाभाविक है लेकिन यह रिश्तों की मजबूती को प्रभावित नहीं करेगा।"उन्होंने आगे कहा कि भारत, अमेरिका और इजराइल को जोड़ने वाले साझा मूल्य, साझा दोस्त, साझा दुश्मन और साझा आर्थिक हित हैं। "आपको समझना होगा कि सुर्खियों से परे बहुत कुछ हो रहा है। पर्दे के पीछे आर्थिक सहयोग और रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ रही है।"

 
 हाल ही में अमेरिका ने भारतीय आयात पर 50% तक टैरिफ लगाया है। इसके साथ ही, रूस से भारत द्वारा आयात किए जा रहे कच्चे तेल पर भी 25% अतिरिक्त टैरिफ जोड़ा गया है। अमेरिका का कहना है कि भारत को रूसी तेल खरीद पर रोक लगानी चाहिए, ताकि रूस की अर्थव्यवस्था पर असर पड़े।  लेकिन भारत का रुख साफ़ है कि वह अपने ऊर्जा हितों के आधार पर फैसला करेगा। इस विवाद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता और गहरी कर दी है।

 

 भारत-इजराइल रिश्तों की अहमियत
इजराइल का भारत के पक्ष में यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि  भारत और इजराइल रक्षा और तकनीक  के बड़े साझेदार हैं।  दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा, कृषि और साइबर टेक्नोलॉजी  जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।  इजराइल भारत को सैन्य उपकरण और खुफिया सहयोग का एक प्रमुख स्रोत भी है।स्मोट्रिच ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री **नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू** के बीच व्यक्तिगत समझ और भरोसा गहरा है। यही वजह है कि मतभेद के बावजूद रिश्तों में दरार नहीं आएगी।
 

 अंतरराष्ट्रीय असर

  • इजराइल के बयान ने भारत को कूटनीतिक मजबूती दी है।
  • इससे यह संदेश गया कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन  हासिल है।
  •  रूस से तेल खरीद के मुद्दे पर भारत अकेला नहीं है।
  •  पश्चिम एशिया में इजराइल का भारत के पक्ष में खड़ा होना, भारत की वैश्विक कूटनीति और संतुलन साधने की क्षमता को मजबूत करता है।
     

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Content Writer

Tanuja

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