क्या नवाब मलिक बीमारी के आधार पर जमानत के हकदार हैं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने PMLA प्रावधानों पर पूछे कई सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2023 - 04:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि क्या राकांपा नेता नवाब मलिक एक “बीमार व्यक्ति” हैं, जैसा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत परिभाषित किया गया है तो वह जमानत के हकदार होंगे। न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की एकल पीठ ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय करते हुए यह भी कहा कि उनके वकीलों को पहले अदालत को संतुष्ट करना होगा कि मलिक अस्वस्थ हैं और इसलिए उन्होंने चिकित्सा आधार पर जमानत मांगी है।

मैं चिकित्सकीय रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हूं
मलिक को 23 फरवरी, 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पीएमएलए के प्रावधानों के तहत भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी एक जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति कार्णिक ने कहा, “अगर मैं चिकित्सकीय रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हूं तो आपको (मलिक) अपनी बारी (गुण-दोष के आधार पर जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए) का इंतजार करना होगा।

कौन “बीमार व्यक्ति” है
पीठ के पास अन्य जरूरी मामले हैं। मैं नहीं चाहता कि कल कोई कुछ कहे।” पीठ ने मलिक के वकील अमित देसाई और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह से भी कहा कि वे इस बात पर दलील पेश करें कि धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कौन “बीमार व्यक्ति” है। पीएमएलए की धारा 45 के तहत जमानत के लिए “जुड़वा शर्ते” लागू की जाती हैं।

जिसमें पहली है कि, यह विश्वास करने के लिए उचित आधार होना चाहिए कि आरोपी प्रथम दृष्टया अपराध का दोषी नहीं है और दूसरी, जमानत पर रहने के दौरान आरोपी कोई अपराध नहीं करेगा। वहीं, अगर आरोपी की उम्र 16 साल से कम है या वह महिला है या बीमार है तो ये जुड़वां शर्तें लागू नहीं होंगी और फिर उसे जमानत पर रिहा किया जा सकता है। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News