तनाव के कारण महिलाओं में बढ़ रही पीरियड्स की अनियमितता, जानें कैसे रखें हार्मोन संतुलित

punjabkesari.in Sunday, Aug 17, 2025 - 08:03 PM (IST)

नेशनल डेस्कः महिलाओं में तनाव का असर केवल मानसिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसका सीधा असर उनके मासिक धर्म चक्र पर भी पड़ता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में तनाव के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। लगातार बना रहने वाला तनाव उनके शरीर और दिमाग, दोनों में बदलाव लाता है, जिसका सबसे प्रमुख असर मासिक धर्म यानी पीरियड्स पर देखा जाता है।

सफदरजंग अस्पताल के महिला रोग विभाग में कार्यरत डॉ. सलोनी चड्ढा बताती हैं कि लगातार थकान, नींद की कमी, सोशल मीडिया का दबाव और काम का प्रेशर जैसे कारण तनाव को जन्म देते हैं। जब व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो मस्तिष्क का स्ट्रेस-रेजिस्टेंट सिस्टम (HPA Axis) सक्रिय हो जाता है, जिससे शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन अधिक मात्रा में बनने लगते हैं। यही हार्मोन मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने वाली प्रणाली (HPO Axis) को प्रभावित करते हैं, जिससे एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, FSH और LH जैसे हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं।

मासिक धर्म में गड़बड़ी के 5 प्रमुख संकेत जो बताते हैं कि आप तनाव में हैं

अनियमित मासिक चक्र (Irregular Periods)
जब पीरियड्स का समय आगे-पीछे हो जाए — कभी जल्दी, कभी देर से — तो यह संकेत हो सकता है कि आप मानसिक तनाव में हैं।

मासिक धर्म की अनुपस्थिति (Amenorrhea)
यदि किसी महीने पीरियड्स बिल्कुल नहीं आते हैं, तो इसे ‘स्ट्रेस-इंड्यूस्ड एमेनोरिया’ कहा जाता है। इसका कारण अक्सर गंभीर मानसिक तनाव होता है, जिससे ओव्यूलेशन रुक जाता है।

फ्लो में असमानता (High-Low Period Flow)
अत्यधिक या बहुत हल्का फ्लो भी तनाव का संकेत हो सकता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण यूटेरस की टिशूज प्रभावित होती हैं, जिससे फ्लो में गड़बड़ी आती है।

तीव्र पीरियड क्रैम्प्स (Period Cramps)
तनाव के कारण मसल्स टेंशन में आ जाते हैं और सूजन बढ़ जाती है। इसका नतीजा यह होता है कि पीरियड्स के दौरान दर्द अधिक होता है।

PMS के लक्षणों में बढ़ोतरी
मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, थकान और अन्य प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षण तनाव के कारण और भी अधिक बढ़ जाते हैं।

पीरियड्स को स्मूथ बनाने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

योग और मेडिटेशन करें: पीरियड्स आने से पहले ही योग और ध्यान की शुरुआत करें। यह मानसिक शांति देगा और तनाव को कम करेगा।

संतुलित आहार लें: फाइबर और पोषण से भरपूर खाना खाएं। पीरियड्स से पहले केला और अन्य पौष्टिक चीजें डाइट में शामिल करें।

व्यायाम और नींद को प्राथमिकता दें: रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें और कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।

काउंसलिंग लें: अगर कोई बात लंबे समय से परेशान कर रही है या तनाव बना हुआ है, तो काउंसलिंग लेने से राहत मिल सकती है।

डॉक्टर से संपर्क करें: यदि 3 महीने या उससे अधिक समय से पीरियड्स अनियमित हैं, अचानक गायब हो गए हैं, अत्यधिक थकान, दर्द या वजन में बदलाव हो रहा है, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।


 


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News Editor

Rahul Rana

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