ईरान के सुप्रीम लीडर का भारत के इस राज्य से है खास क्नेक्शन, इजरायल-ईरान जंग के दौरान हुआ बड़ा खुलासा
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 03:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे घमासान के बीच एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का संबंध भारत के उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से है। खामेनेई के दादा सैय्यद अहमद मुसावी का जन्म 19वीं सदी की शुरुआत में बाराबंकी के किंतूर गांव में हुआ था।
1830 में भारत से ईरान पहुंचे थे खामेनेई के दादा
जानकारी के मुताबिक, सैय्यद अहमद मुसावी वर्ष 1830 में धार्मिक यात्रा पर अवध के नवाब के साथ इराक गए थे और वहां से ईरान पहुंचे। ईरान में उन्होंने खुमैन गांव में बसकर स्थायी रूप से निवास शुरू किया। उन्होंने अपने नाम के साथ 'हिंदी' उपनाम जोड़ा ताकि उनकी भारतीय पहचान बनी रहे।
बाराबंकी में आज भी रहते हैं खामेनेई के रिश्तेदार
किंतूर गांव में खामेनेई के वंशज आज भी निवास कर रहे हैं। डॉ. सैय्यद मोहम्मद रेहान काज़मी ने बताया कि उनके कई परिजन अभी भी ईरान में हैं। उनके भाई आबिद धर्मशास्त्र की पढ़ाई के लिए इस समय ईरान में ही हैं। गांव के प्रधान मोहम्मद अकरम ने भी पुष्टि की कि गांव के लोग ईरान के इतिहास से अपने रिश्ते पर गर्व महसूस करते हैं। किंतूर निवासी आदिल खुमैनी को भी खामेनेई के वंशजों में गिना जाता है।
खामेनेई ने ईरान में शुरू किया क्रांतिकारी आंदोलन
अयातुल्ला खामेनेई ने ईरान में उस वक्त आवाज उठाई जब वहां पहलवी शाही शासन अत्याचार कर रहा था। 1978 में उन्हें देश निकाला दे दिया गया और एक अखबार में उन्हें "भारतीय एजेंट" तक कहा गया। लेकिन जनता उनके समर्थन में सड़कों पर उतर आई। 1979 में शाही शासन समाप्त हुआ और खामेनेई की वापसी के साथ इस्लामी क्रांति की शुरुआत हुई। ईरान के वर्तमान शासन की जड़ें खामेनेई की उसी क्रांति में हैं। अब मुसावी परिवार की चौथी पीढ़ी ईरान पर शासन कर रही है।
जंग का ताजा अपडेट: ईरान का मिसाइल हमला
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध और भी उग्र होता जा रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार, ईरान ने इजरायल के दक्षिणी हिस्से में स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर को बैलिस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया है। इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं और अस्पताल को गंभीर क्षति पहुंची है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने हमले की पुष्टि की है।