आसाराम पर IPS अफसर ने लिखी ​किताब- कभी धमकी तो कभी माफी, खोले कई राज

punjabkesari.in Monday, Aug 31, 2020 - 11:27 AM (IST)

नेशनल डेस्कः रेप के दोषी आसाराम की गिरफ्तारी को लेकर पूरी कहानी अब एक किताब के रूप में बाजार में आ रही है। अपने काम करने के तरीके को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले राजस्थान कैडर के आईपीएस अजयपाल लांबा ने इस किताब को लिखा है। किताब का नाम है-Gunning for the Godman: The True Story Behind Asaram Bapu’s Conviction. इस किताब में गिरफ्तारी के दौरान भागमभाग, मीडिया को चकमा से लेकर आसाराम का पुलिस को दिया गया बयान भी शामिल है जिसमें वो कहता है कि मैंने गलती कर दी।

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आईपीएस अजयपाल ने अपनी किताब ने आसाराम को लेकर कई खुलासे किए हैं। आईपीएस लांबा ने साल 2013 में उस पुलिस टीम की कमान संभाली थी जिसने आसाराम की गिरफ्तारी की थी। पुस्तक के सह लेखक हैं अरविंद माथुर और प्रकाशक हॉर्पर कोलिन्स हैं। अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस ने इस पुस्तक के दिलचस्प किस्सों पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। किताब को फिलहाल अंग्रेजी में लिखा गया है। अजयपाल लांबा ने बताया कि हिंदी में भी पब्लिश किया जा सकता है।

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 ये तूने ये क्या कर डाला
किताब में एक जगह आसाराम और पुलिस के बीच संवाद का भी जिक्र किया गया है, "बाबा तू ये बता कि ये सब क्या कर डाला तूने, जल्दी बता, मैंने थोड़े कर्कश टोन में उससे पूछा, इसके जवाब में बाबा ने जो कहा उसे सुनकर मैं चौक गया। बाबा ने कहा गलती कर दी, गलती कर दी मैंने।" 

 

'ऊपर से अभी ऑर्डर आएगा'
जब पुलिस आसाराम को गिरफ्तार करने पहुंची तो उसने अपना रौब झाड़ते हुए कहा- "तुम ऐसा नहीं कर सकते...तुम अभी ऊपर से ऑर्डर आ जाएंगे कि मुझको अरेस्ट नहीं कर सकते। जवाब में सुभाष ने अपने पॉकेट से मोबाइल फोन निकाला और फोन को ही स्विच ऑफ कर दिया।"

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आसाराम की गिरफ्तारी 7 साल पहले हुई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अजयपाल लाम्बा कहते हैं कि जब आसाराम के समर्थकों को पता चला कि वो आसाराम पर एक किताब लिख रहे हैं तो उन्हें धमकी भरे फोन कॉल आने लगे। इन धमकियों से डरकर एक बार तो उनकी पत्नी ने बेटी को स्कूल भेजना बंद कर दिया। इस किताब के कुछ हिस्से 5 सितंबर को वर्चुअली रिलीज किए जाएंगे। इस किताब को पढ़ना OTT थ्रिलर जैसा एहसास है। आसाराम की गिरफ्तारी के लिए अजयपाल ने अपनी टीम के बेस्ट ऑफिसरों 'टफ ट्वेंटी' को चुना, इनमें से कई ऑफिसर अंडरकवर हो गए और आसाराम के समर्थकों में मिल गए और वहां से खुफिया जानकारियां पुलिस को पहुंचाते रहे।

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लांबा बताते हैं कि आसाराम एक तथाकथित संत था, जिसके करोड़ों अनुयायी हैं, उसके खिलाफ नाबालिग से ज्यादती के मामले की जांच और गिरफ्तारी ने बतौर DCP (वेस्ट) के रूप में कई मोड़ दिखाए, कई नए अनुभव भी दे दिए। बता दें कि अप्रैल 2018 में जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की से रेप का दोषी पाया और अदालत ने आसाराम को पोक्सो कानून के तहत आजीवन कारावास (मृत्यु तक) और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।


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Seema Sharma

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