निवेश का बड़ा सवाल: FD या RD? जानिए दोनों के फायदे और नुकसान, फिर करें फैसला
punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 02:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप अपनी कमाई को सुरक्षित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) स्कीम सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं। ये दोनों ही स्कीमें उन लोगों के लिए बेहतरीन हैं जो लंबी अवधि के लिए, खासकर 5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं। आइए जानते हैं कि इनमें क्या अंतर है और आपके लिए कौन-सी स्कीम बेहतर हो सकती है।
FD क्या है और इसमें कैसे मिलता है फायदा?
निवेश का तरीका: एफडी में आप एक बार में एकमुश्त (Lumpsum) पैसा जमा करते हैं।
ब्याज दर: इसमें ब्याज दर ज़्यादातर आरडी की तुलना में अधिक होती है। बैंक सीनियर सिटीजन और आम नागरिकों के लिए अलग-अलग ब्याज दरें ऑफर करते हैं। जैसे, SBI में आम नागरिक को 3.05% से 6.60% तक और सीनियर सिटीजन को 7.10% तक ब्याज मिल सकता है। उदाहरण: अगर आप SBI में 5 साल के लिए ₹7 लाख की एफडी कराते हैं, तो मेच्योरिटी पर आपको अधिकतम ₹9.66 लाख मिल सकते हैं।
RD क्या है और इसके फायदे क्या हैं?
निवेश का तरीका: आरडी में आप हर महीने एक छोटी रकम जमा कर सकते हैं, जिससे आप पर एकमुश्त निवेश का बोझ नहीं पड़ता।
ब्याज दर: पोस्ट ऑफिस की आरडी स्कीम में अभी सालाना करीब 6.7% ब्याज मिल रहा है, जो तिमाही के हिसाब से काउंट होता है।
उदाहरण: अगर आप आरडी में 5 साल तक हर महीने ₹10,000 जमा करते हैं, तो मेच्योरिटी पर आपकी कुल जमा वैल्यू ₹6 लाख होगी और आपको करीब ₹2.34 लाख का ब्याज मिलेगा, जिससे कुल वैल्यू ₹8.34 लाख हो जाएगी।
FD और RD में से बेहतर कौन?
दोनों ही योजनाओं में आपका पैसा सुरक्षित रहता है और आपको एक निश्चित ब्याज मिलता है।
अगर आपके पास एकमुश्त बड़ी रकम है और आप उसे एक बार में निवेश करना चाहते हैं, तो FD आपके लिए बेहतर है। इसमें आपको ज़्यादा ब्याज मिलने की संभावना है। अगर आप हर महीने अपनी सैलरी से थोड़ी-थोड़ी बचत करना चाहते हैं, तो RD आपके लिए अच्छा विकल्प है। इसमें एक बार में बड़ा निवेश करने की ज़रूरत नहीं होती।