दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने वाला INS किलतान नौसेना में शामिल

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2017 - 01:54 PM (IST)

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुश्मनों की पनडुब्बी को नष्ट करने वाले स्वदेश निर्मित स्टील्थ कर्वेट आईएनएस किलतान को आज यहां पूर्वी नौसेना कमान में जहाजी बेडे में शामिल किया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय नौसेना के शस्त्रागार में शामिल होने वाले शिवालिक श्रेणी, कोलकाता श्रेणी और आईएनएस कमोर्ता और आईएनएस कदमट्ट के बाद इसी श्रेणी का तीसरा किलतान नया स्वदेशी युद्धपोत है। यह भारत का पहला मुख्य युद्धपोत है जो कार्बन फाइबर से बना है जिससे इसकी स्टील्थ विशिष्टताएं उन्नत हुई हैं और मरम्मत की लागत कम हुई है।

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एच.एस. बिष्ट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी यहां नौसेना डॉकयार्ड में कार्यक्रम में शामिल हुए। सीतारमण ने इस मौके पर कहा, ‘‘आईएनएस किलतान हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और चूंकि यह पूरी तरह यहां बना है तो यह हमारे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में चमकता पोत होगा।’’

आईएनएस किलतान पहला बड़ा युद्धपोत है जिसने प्रायोगिक परियोजना के तौर पर सभी मुख्य हथियारों और सेंसरों का समुद्र में परीक्षण किया है और वह भारतीय नौसेना में शामिल किए जाने के दिन से ही संचालन के लिए तैयार है। भविष्य में इस युद्धपोत पर छोटी दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली और पनडुब्बी रोधी युद्धपोत हेलिकॉप्टर भी तैनात किए जाएंगे।  इस जहाज का नाम लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप समूह के नजदीक स्थित एक द्वीप के नाम पर है।

Made in India है INS किलतान
आईएनएस किलतान कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डिंग एडं इंजीनियरिंग में बनाया गया। इसे भारतीय नौसेना के इन-हाऊस संगठन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया है। यह भारतीय नौसेना की बढ़ रही शक्ति को दर्शाता है।

 

 

ये है खासियत
आईएनएस किलतान स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से युक्त है जिसमें हेवीवेट टॉरपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट, 76 एमएम कैलिबर मिडियम रेंज बंदूक और दो बहु बैरल 30 एमएम बंदूकें शामिल हैं, साथ ही अग्निशमन नियंत्रण प्रणाली, उन्नत ईएसएम (इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर) सिस्टम, सबसे उन्नत सोनार और रडार को इंस्टॉल किया गया है। यह भारत का यह पहला युद्धपोत है जिसे कार्बन फाइबर कंपोजिट मैटेरियल से बनाया गया है, जिससे इसे बनाने में कम खर्च आता है। 3500 टन वजनी ये युद्धपोत 109 मीटर लंबा है. चार डीज़ल इंजन इसमें लगे हैं, जो करीब 45 किलोमीटर रफ्तार से चल सकते हैं. इसमें आधुनिक हथियार व सेंसर लगे हैं. साथ में मध्यम दूरी के टॉप, रॉकेट लांचर के हथियार तो हैं ही और हेलिकॉप्टर के लैंडिंग की भी सुविधा है. नौसेना का यह युद्धपोत रासायनिक, जैविक और परमाणु हालात में भी लड़ने मे सक्षम है।

 

 

 


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