इंफोसिस पर 32 हजार करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का आरोप, GST इंटेलिजेंस ने जारी किया नोटिस
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2024 - 10:53 PM (IST)
नेशनल डेस्क: सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस को केंद्रीय जीएसटी खुफिया निदेशालय से 32,000 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी के आरोप में नोटिस मिला है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय की ओर से इंफोसिस की जांच की जा रही है।
दस्तावेज़ के अनुसार, इन्फोसिस ने अपनी विदेशी शाखाओं से प्राप्त सेवाओं के बदले में उन शाखाओं को 'विदेश शाखा खर्च' के रूप में भुगतान किया है। इसके कारण, इन्फोसिस लिमिटेड (बेंगलुरु) को 2017-18 से 2021-22 तक विदेश स्थित शाखाओं से प्राप्त सेवाओं पर रिवर्स चार्ज मेकैनिज़्म के तहत 32,403.46 करोड़ रुपये का आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) भुगतान करना होगा।
रसीद कंपनी द्वारा तैयार की जा रही थी
रिवर्स चार्ज मेकैनिज़्म में टैक्स का भुगतान सामान या सेवाएं प्राप्त करने वाले को करना होता है, न कि देने वाले को। दस्तावेज़ में यह भी कहा गया है कि इन्फोसिस अपनी विदेशी शाखाओं पर हुए खर्चों को भारत से भेजे गए निर्यात चालान में शामिल कर रही थी और इन निर्यात मानों के आधार पर रिफंड की गणना कर रही थी। दस्तावेज़ में लिखा है, "परियोजना से संबंधित निर्यात आय और निर्यात चालान की रसीद कंपनी द्वारा तैयार की जा रही थी।"
IGST का भुगतान नहीं किया
दस्तावेज में बेंगलुरु के DGGI के अधिकारियों द्वारा एकत्रित और विकसित की गई खुफिया जानकारी का भी खुलासा किया गया है, जो यह संकेत देती है कि कंपनी ने विदेशी शाखाओं से सेवाएं प्राप्त की हैं और सेवाओं के आयात पर RCM के तहत एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) का भुगतान नहीं किया है।
इंफोसिस का सालाना लाभ बढ़कर 6,368 करोड़ रुपए हो गया
बेंगलुरू स्थित कंपनी के खिलाफ लगाए गए जुर्माने की राशि एक साल के मुनाफे के बराबर है और एक तिमाही में कंपनी के राजस्व का लगभग आधा है। 30 जून को समाप्त तिमाही के लिए, इंफोसिस का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 7.1 प्रतिशत बढ़कर 6,368 करोड़ रुपए हो गया, जबकि परिचालन से समेकित राजस्व सालाना आधार पर 3.6 प्रतिशत बढ़कर 39,315 करोड़ रुपए हो गया।
इंफोसिस वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) पोर्टल का प्रबंधन करती है। GSTN ने भारत में करदाताओं को जीएसटी तैयार करने, रिटर्न दाखिल करने, अप्रत्यक्ष कर देनदारियों का भुगतान करने और अन्य अनुपालन करने में मदद करने के लिए अप्रत्यक्ष कराधान मंच बनाया है।