NHAI Project: इस शहर में ट्रैफिक जाम से छुटकारा: 31 गांवों की जमीन पर बनेगा 64 किमी लंबा पश्चिमी बायपास
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 12:27 PM (IST)
नेशनल डेस्क: इंदौर में ट्रैफिक जाम से छुटकारा दिलाने वाला पश्चिमी आउटर बायपास अब भी कागजों तक सीमित है। सवा दो साल पहले योजना बनकर ठप्प पड़े इस प्रोजेक्ट में अफसरों की लेटलतीफी ने इसे असली सड़क बनने से दूर रखा है। जबकि जमीन अधिग्रहण का काम आंशिक रूप से पूरा हो चुका है, ठेकेदार कंपनी का काम शुरू नहीं हो सका।
बायपास की कहानी: योजना से स्थगन तक
वर्तमान ओवरलोडेड बायपास की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने पूर्वी और पश्चिमी आउटर बायपास का प्रस्ताव रखा था। पश्चिमी बायपास को जून 2023 में स्वीकृति मिली और मार्च 2024 में 1,880 करोड़ रुपए के टेंडर के साथ भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू हुई। 64 किमी लंबी सड़क का निर्माण अहमदाबाद की कंपनी को दो चरणों में—996 करोड़ और 884 करोड़ के टेंडर—के जरिए सौंपा गया था।
लेकिन डेढ़ साल से ज्यादा समय बीतने के बावजूद, भू-अर्जन पूरी तरह नहीं हो सका और काम शुरू होने से पहले ही अटक गया। अधिकारियों ने अक्टूबर में दावा किया था कि काम उसी महीने शुरू होगा, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पाया।
मार्ग और भू-अर्जन की स्थिति
एनएचएआइ के अनुसार, सड़क की शुरुआत पीथमपुर से होगी और कुल 8 किमी में फैलेगी। इसके बाद सड़क 12 किमी देपालपुर, 20 किमी हातोद और 14 किमी सांवेर से होकर गुजरेगी। बायपास बनाने के लिए कुल 31 गांवों से 600 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करनी है। जैतपुरा, मुंडला हुसैन, धतूरिया, ब्राह्मण पीपल्या और एक अन्य गांव की जमीन प्रशासन ने एनएचएआइ को सौंप दी है। इस सप्ताह और कुछ गांवों की जमीन मिल जाने की संभावना है।
अफसरों की धीमी गति ने रोकी प्रगति
NHAI प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण यादव ने बताया कि काम भू-अर्जन के हिस्सों में ही शुरू किया जाएगा और अगले महीने सड़क निर्माण का वास्तविक काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन अधिकारियों की धीमी कार्यप्रणाली ने लंबे समय से महत्वपूर्ण बायपास प्रोजेक्ट को सुस्त बना रखा है।
