भारत में Project Cheetah को नई रफ्तार, बोत्सवाना में राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपे गए 8 दुर्लभ चीते
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 07:25 PM (IST)
International Desk: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बृहस्पतिवार को उनकी राजकीय यात्रा के अंतिम दिन यहां पास में स्थित एक प्राकृतिक अभयारण्य में बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको ने प्रतीकात्मक रूप से आठ चीते सौंपे। दोनों राष्ट्राध्यक्ष सुबह के समय राजधानी गबोरोन से लगभग 10 किलोमीटर दक्षिण में स्थित ‘मोकोलोडी नेचर रिजर्व' पहुंचे और दो चीतों को एक पृथकवास बाड़े में छोड़े जाने की घटना को देखने के लिए सफारी वाहन में सवार हुए। भारत और बोत्सवाना के वन्यजीव अधिकारियों ने मुर्मू और बोको को प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
A new chapter in India-Botswana wildlife conservation partnership: At the Mokolodi Nature Reserve in Botswana, President Droupadi Murmu and President Duma Gideon Boko witnessed the release of captured cheetahs originating from Botswana's Ghanzi region into the quarantine facility… pic.twitter.com/NtzgBILxyT
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 13, 2025
अधिकारियों ने बताया कि सभी आठ चीते अभयारण्य में हैं और केवल दो को राष्ट्राध्यक्षों की उपस्थिति में पृथकवास के लिए छोड़ा गया, जो कि बोत्सवाना द्वारा उन्हें भारत को सौंपे जाने का एक प्रतीक है। वयस्क और कम वयस्क नर तथा मादाओं के मिश्रण वाले इन चीतों को कालाहारी रेगिस्तान में स्थित घांजी शहर से इस प्राकृतिक अभयारण्य में लाया गया है। कालाहारी रेगिस्तान में इस अफ्रीकी देश का 70 प्रतिशत भूभाग आता है। मोकोलोडी अभयारण्य 3,700 हेक्टेयर में फैला हुआ है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यहां गैंडे, जिराफ और विभिन्न प्रकार के स्थानीय अफ्रीकी पक्षी तथा सरीसृप प्रजातियां निवास करती हैं, जिनमें से कुछ दुर्लभ हैं और जो विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही हैं। यहां पृथकवास प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी आठ चीतों के अगले कुछ सप्ताह में भारत पहुंचने की उम्मीद है।
मुर्मू बोत्सवाना की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं, जो बृहस्पतिवार को संपन्न होगी। प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना से भारत में चीतों के स्थानांतरण की घोषणा दोनों राष्ट्रपतियों ने बुधवार को बोको के कार्यालय में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद एक प्रेस वार्ता के दौरान की। मुर्मू ने वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों के लिए अफ्रीकी राष्ट्र को धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि भारत चीतों की ‘‘अच्छी देखभाल'' करेगा। बोको ने कहा कि उनके देश द्वारा चीतों को दान किए जाने के कदम से भारत में चीतों की आबादी के पुनर्जनन में मदद मिलेगी। भारत में चीतों को फिर से बसाने की प्रक्रिया 17 सितंबर 2022 को तब शुरू हुई थी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के एक विशेष बाड़े में छोड़ा, जो एक बड़ी जंगली मांसाहारी प्रजाति के विश्व के पहले अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण को चिह्नित करता है।
#WATCH | Gaborone: Botswana handed over 8 cheetahs to India in the presence of President Droupadi Murmu and President of Botswana Duma Gideon Boko at Mokolodi Nature Reserve
— ANI (@ANI) November 13, 2025
President Droupadi Murmu says, "...The gifting of these cheetahs is a reflection of Botswana's… pic.twitter.com/RfCIDPuu1J
बाद में, भारत ने फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते और मंगाए थे। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तीन साल पूरे होने पर, देश में अब 27 चीते हैं, जिनमें से 16 भारतीय धरती पर जन्मे हैं। इनमें से 24 कूनो में और तीन गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य (जीएसडब्ल्यूएस) में हैं, जो मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों की सीमा पर स्थित है। परियोजना शुरू होने के बाद से अब तक उन्नीस चीते- नौ बाहर से लाए गए वयस्क और भारत में जन्मे 10 शावक- विभिन्न कारणों से मर चुके हैं, जबकि कूनो में अब तक 26 शावक पैदा हो चुके हैं। अफ्रीका से 20 चीते लाने के बाद, भारत में वर्तमान में शुरुआती संख्या की तुलना में सात चीतों की वृद्धि हुई है।
