वायुसेना का सपना 1 तारीख को होगा पूरा

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2016 - 06:34 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान का स्कवाड्रन बनाने का सपना शुक्रवार को हकीकत बनने जा रहा है और इस स्कवाड्रन में शामिल हल्के लड़ाकू तेजस विमानों को उडाने का गौरव 45 फ्लाइंग डैगर को मिलेगा जो अभी तक वायुसेना की रीढ माने जाने वाले मिग -21 को उडाते रहे हैं।  
 
इस स्कवाड्रन के बनने के साथ ही आजादी के बाद रक्षा क्षेत्र की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना सफलता के पड़ाव पर पहुंच जायेगी जिसमें वायु सेना के पायलटों को देश में ही बनाये गये लड़ाकू विमानों में उडान भरने का मौका मिलेगा। 45 फ्लाइंग डैगर वही जांबाज स्कवाड्रन है जिसने 1999 में पाकिस्तानी नौसेना के एक टोही विमान को कराची से 300 किलोमीटर पूर्वोत्तर में मार गिराया था जिससे उसमें सवार सभी 16 लोग मारे गए थे। उस समय गुजरात के नलिया एयरबेस में तैनात यह स्कवाड्रन मिग -21 विमान उडा रहा था।
 
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि इस ऐतिहासिक मौके पर इस स्कवाड्रन को बेंगलुरु स्थानांतरित किया जा रहा है। अभी दो विमानों से शुरू होने वाले इस स्कवाड्रन को मौजूदा वित्त वर्ष में 6 और विमान मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा, यह उत्कृष्ट विमान है जिसका हवाई और सुरक्षा रिकॉर्ड दुनिया के किसी भी लड़ाकू विमान को टक्कर दे सकता है। विकसित होने के चरण में तेजस ने ढाई हजार घंटे के सफर में 3000 बार उड़ान भरी है और इस दौरान इस का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News