Indian AirForce Day: जानें हमारे आकाश के योद्धाओं की ताक़त
punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 01:24 AM (IST)
नई दिल्ली (मनीष शर्मा): नभः स्पृशं दीप्तम् मतलब गर्व के साथ आकाश को छुओ, भगवद गीता से लिया गया इस मन्त्र को अपना आदर्शमान भारतीय वायुसेना कर्मठता और कुशलता से देश की सेवा में लगी हुई है। आज भारतीय वायु सेना अपना 86वां एयरफोर्स डे मना रही है। इस मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर वायु सेना का कार्यक्रम हुआ।
एयरफोर्स के जवानों ने आज दुनिया को जमीन से आसमान तक अपनी ताकत दिखाई। हिंडन एयर फोर्स स्टेशन में वायुसेना दिवस के समारोह में पूर्व क्रिकेटर व ग्रुप कैप्टन सचिन तेंदुलकर भी मौजूद रहे। परेड में 44 अधिकारी और258 वायुसेना के जवानों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में आकाशगंगा टीम के पैरा जंपर्स 8000 फ़ीट की ऊंचाई से उतरे। भारतीय बेड़े में दो नए मेहमान अगले एक दो वर्षों में जुड़ने वाले हैं जिससे वायुसेना की ताक़त कई गुना बढ़जाएगी।
पहले ज़िक्र करते हैं राफेल का
- नाम : राफेल
- निर्माता: फ्रेंच कंपनी दैसॉ
- भारत से डील : 36 राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट
- 28 सिंगल सीट और 8 डबल सीट राफेल एयरक्राफ्ट होंगे।
- 36 विमानों को दो स्क्वाड्रन में बांटा जाएगा। इनमें से एक पाकिस्तान से मुकाबले के लिए अंबाला में जबकिदूसरा चीन से मुकाबले के लिए पश्चिम बंगाल के हाशिमपुरा में तैनात किया जाएगा।
- पहली खेप: 2019 को मिलेगी ।
राफेल की खूबियां:
- रफ़्तार: कम ऊंचाई में 1390 KM प्रति घंटा और ज़्यादा ऊंचाई में 1912 KM प्रति घंटा है।
- इसकी मारक क्षमता 3700 KM है। हमला करने के लिए पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसने की भी ज़रुरत नहीं।
- एक मिनट में 60,000 फ़ीट की ऊंचाई तक जा सकता है।
- राफेल राडार और इंफ़्रा रेड की पकड़ में नहीं आता है।
- एक बार फ्यूल भरने तक लगातार 10 घंटे उड़ान भरता है।
- इस पर लगी गन एक मिनट में 125 फायर करती है।
- यह छोटे से रनवे पर भी उड़ान भर सकता है।
अब बात करते हैं S-400 मिसाइल डिफेन्स सिस्टम की
- नाम : S-400 ट्रायम्फ
- निर्माता: रूसी कंपनी अलमाझ-एंटे
- भारत से डील: 5 यूनिट
- 3 यूनिट पाकिस्तान सीमा पर और 2 चीन सीमा (एक ईस्टर्न सेक्टर और एक वेस्टर्न सेक्टर) पर तैनात होंगे।
- भारत को पहली खेप 2020 तक मिलेंगी।
S-400 की खूबियां :
- 8 डिवीजन (बटालियन) वाले एक सिस्टम में अधिकतम 384 मिसाइलों के साथ 72 लॉन्चर्स तक कंट्रोल होता है।
- इसमें चार तरह की मिसाइल इस्तेमाल होती हैं - बहुत लम्बी दूरी (400 किलोमीटर), लम्बी दूरी (250 किलोमीटर ), मध्यम दूरी (120 किलोमीटर ) और कम दूरी (40 किलोमीटर)।
- राडार, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण दूसरे देशोंके सिस्टम से काफी आगे है।
- यह सिस्टम पांच मिनट में तैयार हो जाता है।
- इसकी 600 किलोमीटर तक निगरानी और 400 किलोमीटर तक मार गिराने की क्षमता है।
- 400 किमी के रेंज और 30 किलोमीटर की ऊंचाई में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइलऔर ड्रोन को तबाह कर सकता है।
- एक साथ तीन दिशाओं पर हमला करता है।
- यह 300 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और उनमें से लगभग तीन दर्जनों को नष्ट कर सकता है।
- इसकी मिसाइल की रफ्तार 17000 किलोमीटर/घंटे है मौजूदा किसी भी फाइटर जेट से ज़्यादा।
- एक साथ 6 अमरीकी F-35 फाइटर जेट्स को गिरा सकता है।
अब खबर आई है कि भारत रूसी बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर कामोव KA -226T खरीदने का इच्छुक है। ये हेलीकाप्टर भारत के पुराने चीता और चेतक हेलीकाप्टरों का स्थान लेंगे। यह जानना यहां सुखद है कि भारत सरकार इस समय भारतीय वायुसेना के हितों का ध्यान रख रही है। रक्षा मामलों की स्थायी समिति की 2017-18 की रिपोर्ट में कहा गया था कि वायुसेना के पास सिर्फ 31 विमान स्क्वाड्रन हैं जबकि उसकी स्वीकृत ताकत 42 स्क्वाड्रन की है।
द प्रिंट वेबसाइट के अनुसार,भारतीय बेड़े में:
- मिग 21: 6 स्क्वाड्रन
- मिग-27: 2 स्क्वाड्रन
- जैगुआर : 6 स्क्वाड्रन
- मिराज-2000: 3 स्क्वाड्रन
- मिग-29: 3 स्क्वाड्रन
- सुखोई-30MKI: 11 स्क्वाड्रन
आज भारतीय वायुसेना के 86 वें स्थापना दिवस पर हम सभी वायुसेना के बहादुर अफसरों को सलाम करते हैं। देश उनके निःस्वार्थ बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।