बैंक में मिनिमम बैलेंस का डर खत्म, अब ज़ीरो टेंशन! इस बड़े बदलाव से ग्राहकों की हुई बल्ले-बल्ले, नहीं लगेगा जुर्माना
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 03:40 PM (IST)

नेशनल डेस्क। बैंक खाताधारकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने सभी बचत खातों में न्यूनतम औसत शेष राशि न रखने पर लगने वाली पेनाल्टी (जुर्माना) को पूरी तरह से माफ कर दिया है। बैंक ने बुधवार को प्रेस रिलीज़ जारी कर इसकी जानकारी दी। यह फैसला विशेष रूप से छोटे खाताधारकों, पेंशनभोगियों और उन लोगों को बड़ी राहत देगा जो छोटी-छोटी बचत करते हैं।
कब से लागू होगा यह नया नियम?
बैंक ने बताया कि यह नई राहत 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी। 30 सितंबर 2025 तक बैंक पहले की तरह ही न्यूनतम शेष राशि न रखने पर जुर्माना लेना जारी रखेगा। बैंक ने कहा कि पहले यह राहत केवल कुछ खास स्कीम्स पर लागू थी जिसे अब बाकी सभी बचत खाता स्कीम्स पर लागू कर दिया गया है। इसका सीधा मकसद बैंक खाताधारकों को बड़ी राहत देना है।
बैंक का उद्देश्य: वित्तीय समावेशन को बढ़ावा
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि बैंक अपने खाताधारकों को राहत देना चाहता है। उनका मानना है कि यह फैसला 'ग्राहक को ध्यान में रखने वाली सोच' और वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देगा।
इससे बैंकिंग हर व्यक्ति के लिए आसान बनेगी और ग्राहक बिना जुर्माने के डर के बैंक की सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। अक्सर छोटे खाताधारक और पेंशनभोगी अनजाने में या जानकारी के अभाव के कारण MAB न रखने पर जुर्माना देते थे। इस कदम से ऐसे ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा। बैंक सीईओ ने कहा कि उनका लक्ष्य हर ग्राहक को आसान बैंकिंग सुविधा देना है और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की दिशा में यह एक अच्छी शुरुआत है।
क्या है न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB)?
न्यूनतम औसत शेष राशि (MAB) वह न्यूनतम राशि होती है जिसे आपको एक महीने के दौरान औसतन अपने बचत खाते में बनाए रखना होता है। यदि आप यह राशि नहीं रखते हैं तो बैंक आप पर जुर्माना (Penalty) लगाती है। MAB की राशि खाते के प्रकार और बैंक की लोकेशन के आधार पर अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकती है।