SBI के करोड़ों ग्राहकों के लिए जरूरी खबर, बैंकिंग में होने जा रहा है अहम बदलाव

punjabkesari.in Monday, Dec 15, 2025 - 08:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के बैंकिंग सेक्टर में एक नई डिजिटल शुरुआत होने जा रही है। करोड़ों खाताधारकों वाला भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने मोबाइल प्लेटफॉर्म को पूरी तरह नए अवतार में पेश करने की तैयारी में है। सोमवार से SBI का लोकप्रिय मोबाइल ऐप YONO अपने नए और ज्यादा एडवांस वर्जन YONO 2.0 के साथ ग्राहकों के लिए उपलब्ध होगा। इस बदलाव का सीधा फायदा बैंक के हर वर्ग के ग्राहक को मिलने वाला है।

ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा

SBI के नए YONO 2.0 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि रोजमर्रा के बैंकिंग काम पहले से ज्यादा सरल, तेज और सुविधाजनक हो सकें। अकाउंट खोलने से लेकर ट्रांजैक्शन तक, ग्राहकों को अब अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैंक के चेयरमैन सी. एस. शेट्टी के मुताबिक, यह अपग्रेड सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि यूजर एक्सपीरियंस में बड़ा सुधार है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि YONO 2.0 के सभी नए फीचर्स एक साथ नहीं, बल्कि अगले 6 से 8 महीनों में चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाएंगे।

बैंक के लिए क्यों अहम है YONO 2.0

SBI प्रबंधन का मानना है कि YONO 2.0 बैंक के डिजिटल भविष्य की मजबूत नींव बनेगा। इसमें इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के लिए एक जैसा टेक्निकल कोड इस्तेमाल किया गया है, जिससे सभी चैनलों के बीच बेहतर तालमेल संभव हो पाएगा। इसका मतलब यह है कि चाहे ग्राहक ब्रांच से सेवा ले या मोबाइल ऐप से, अनुभव हर जगह एक जैसा और बिना रुकावट के होगा। इसके अलावा, इस नए प्लेटफॉर्म की मदद से SBI नए प्रोडक्ट और सेवाएं भी ज्यादा तेजी से लॉन्च कर सकेगा और अपनी डिजिटल पहुंच को और मजबूत करेगा।

लोन लेने वालों को भी राहत

डिजिटल अपग्रेड के साथ-साथ SBI ने ब्याज दरों को लेकर भी राहत की खबर दी है। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद SBI ने रेपो लिंक्ड लोन की ब्याज दर घटाकर 7.90 प्रतिशत कर दी है। इसके साथ ही, बैंक ने सभी अवधियों के लिए MCLR में भी 0.50 प्रतिशत की कमी की है। चेयरमैन सी. एस. शेट्टी ने भरोसा जताया कि रेपो रेट में कटौती के बावजूद बैंक 3 प्रतिशत के शुद्ध ब्याज मार्जिन के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।

पूंजी को लेकर स्थिति मजबूत

SBI प्रबंधन का कहना है कि आने वाले 5 से 6 वर्षों में बैंक को अपनी ऋण वृद्धि को बनाए रखने और करीब 15 प्रतिशत का कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो कायम रखने के लिए किसी अतिरिक्त इक्विटी पूंजी की जरूरत नहीं पड़ेगी।


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Content Editor

Anu Malhotra

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