भारतीय IT सेवा फर्मों द्वारा वित्त वर्ष 2026 में 4 से 6 फीसदी राजस्व वृद्धि दर्ज करने की संभावना : ICRA Report

punjabkesari.in Thursday, Mar 13, 2025 - 01:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय आईटी सेवा उद्योग को वित्तीय वर्ष 2025-26 (FY26) में मध्यम स्तर की 4-6% राजस्व वृद्धि देखने को मिल सकती है। यह अनुमान आईटी कंपनियों के एक नमूने पर आधारित है जो उद्योग के कुल राजस्व का 60% प्रतिनिधित्व करता है।

वैश्विक मंदी के कारण आईटी सेक्टर पर असर

रिपोर्ट के मुताबिक पिछली तीन तिमाहियों में सुधार के बावजूद वैश्विक आर्थिक सुस्ती और अमेरिका-यूरोप में नीतिगत अनिश्चितताओं की वजह से आईटी सेक्टर की वृद्धि दर धीमी रह सकती है। इक्रा के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख दीपक जोतवानी ने बताया कि अमेरिका द्वारा संभावित व्यापार शुल्क बढ़ोतरी और वैश्विक आर्थिक दबावों के कारण आईटी उद्योग की विकास दर प्रभावित हो सकती है।

 

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BFSI, हेल्थकेयर और खुदरा सेक्टर में आई तेजी

रिपोर्ट में कहा गया कि बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (BFSI), हेल्थकेयर और रिटेल सेक्टर में आईटी सेवाओं की मांग बढ़ रही है। साथ ही जनरेटिव एआई टेक्नोलॉजी में निवेश के चलते नए बिजनेस अवसर भी उभर रहे हैं। भारतीय आईटी कंपनियां अब एआई (AI)-आधारित समाधानों में निवेश कर रही हैं और अपने कर्मचारियों को नई तकनीकों में प्रशिक्षित कर रही हैं। इसके चलते BFSI और हेल्थकेयर सेक्टर में एआई-संबंधित सौदों में वृद्धि हो रही है।

नौकरी छोड़ने की दर में भारी गिरावट

आईटी इंडस्ट्री में कर्मचारियों की जॉब छोड़ने की दर (Attrition Rate) काफी कम हो गई है। FY23 की तीसरी तिमाही में 22.3% थी जो FY25 की तीसरी तिमाही में घटकर 12.8% रह गई। इक्रा को उम्मीद है कि निकट भविष्य में यह दर 12-13% के आसपास स्थिर रहेगी। हालांकि आईटी कंपनियां फिलहाल नई भर्ती करने में धीमी रहेंगी क्योंकि वे एआई तकनीकों के जरिए लागत में कटौती और उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।

 

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परिचालन लाभ में स्थिरता बनी रहेगी

➤ भले ही राजस्व वृद्धि धीमी हो लेकिन ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (OPM) अगले 3-4 तिमाहियों तक 22.5-23% के बीच बना रहेगा।

➤ इसका कारण वेतन वृद्धि में संयम, कर्मचारियों के बेहतर उपयोग और लागत नियंत्रण को माना जा रहा है।

FY25 की तीसरी तिमाही में कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 57% से घटकर 56.2% हो गया।

हालांकि वैश्विक चुनौतियों के कारण भारतीय आईटी सेक्टर की विकास दर सुस्त रह सकती है लेकिन BFSI और हेल्थकेयर में बढ़ती मांग और एआई टेक्नोलॉजी के नए अवसर कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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