IAF में जल्द शामिल होंगे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान, फाइटर जेट बनाने के लिए 7 कंपनियों ने लगाई बोली
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 04:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारतीय वायुसेना में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान शामिल करने की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। सरकार का लक्ष्य 2 लाख करोड़ रुपये की लागत से 125 से अधिक एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) बनाने का है। ये विमान भारत में विकसित किए जाएंगे और स्टील्थ तकनीक से लैस होंगे। इसके प्रोटोटाइप को डीआरडीओ किसी एक या एक से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी में डिजाइन और विकसित करेगा।
बोली लगाने वाली कंपनियां और चयन प्रक्रिया
इस परियोजना में कुल सात कंपनियों ने बोली लगाई है। इनमें लार्सन एंड टुब्रो, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और अडानी डिफेंस शामिल हैं। इनकी बोलियों का मूल्यांकन ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व प्रमुख ए. शिवथानु पिल्लई की अध्यक्षता वाली समिति करेगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर रक्षा मंत्रालय अंतिम चयन करेगा और दो कंपनियों को प्रोटोटाइप निर्माण के लिए 15,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
AMCA का महत्व
AMCA परियोजना 2 लाख करोड़ रुपये की विनिर्माण योजना है। इस योजना के तहत 125 से अधिक लड़ाकू विमान बनाए जाएंगे, जिनके 2035 से पहले वायुसेना में शामिल होने की संभावना है। इस विमान का पहला संस्करण एकल सीट वाला, दो इंजन वाला जेट होगा, जिसमें उन्नत स्टील्थ कोटिंग और आंतरिक हथियार कक्ष होंगे। यह विमान 55,000 फीट की ऊंचाई पर ऑपरेशन कर सकेगा और आंतरिक हिस्सों में 1,500 किलो तथा बाहरी हिस्सों में 5,500 किलो अतिरिक्त हथियार ले जाने में सक्षम होगा।
दूसरे संस्करण में भारत स्वदेशी रूप से विकसित इंजन लगाएगा, जो पहले संस्करण में लगे अमेरिकी GE F414 इंजन से अधिक शक्तिशाली होगा। AMCA में 21वीं सदी की प्रमुख तकनीक शामिल होगी, जिसमें उन्नत युद्धक्षेत्र सॉफ्टवेयर होगा जो पायलट को युद्ध में व्यापक जानकारी और बढ़त प्रदान करेगा।
भारत की आधुनिक हथियार प्रणाली
भारत लगातार अपने सैनिकों को आधुनिक हथियार और विमान उपलब्ध कराने के प्रयास में है। इसी कड़ी में अप्रैल 2025 में फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन से 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदे गए हैं, जो 2031 तक पुराने रूसी मिग-29के की जगह लेंगे। वायुसेना पहले से ही 36 राफेल-सी विमानों का संचालन कर रही है। पिछले दशक में भारत ने स्वदेशी विमान वाहक पोत, युद्धपोत और पनडुब्बियां लॉन्च की हैं और लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2033 तक घरेलू सैन्य हार्डवेयर अनुबंधों से कम से कम 100 बिलियन डॉलर के राजस्व हासिल करने का लक्ष्य भी रखा है।