72% नियोक्ता नई नौकरियों के सृजन के माध्यम से कार्यबल विस्तार की योजना बना रहे हैं: रिपोर्ट

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 07:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के व्हाइट-कॉलर जॉब मार्केट में वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में मज़बूत उछाल देखने को मिल सकता है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ते विश्वास और तकनीकी भूमिकाओं की मांग के चलते भर्ती प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षात्कार में शामिल लगभग 72 प्रतिशत नियोक्ताओं ने नई नौकरियों के सृजन के माध्यम से कार्यबल विस्तार की योजना बनाई है।

नौकरी से जुड़ी द्विवार्षिक 'हायरिंग आउटलुक' रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 94 प्रतिशत नियोक्ता नियुक्तियाँ करने की योजना बना रहे हैं। यह रिपोर्ट भारत के विभिन्न क्षेत्रों के 1,300 नियोक्ताओं से प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है। इसमें लगभग तीन-चौथाई (72 प्रतिशत) नियोक्ताओं ने संकेत दिया है कि वे केवल प्रतिस्थापन नहीं, बल्कि नई भूमिकाओं के लिए नियुक्तियाँ करेंगे।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भले ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को लेकर नौकरियों में कटौती की आशंका हो, लेकिन 87 प्रतिशत नियोक्ता समग्र रोजगार पर कोई बड़ा नकारात्मक प्रभाव नहीं देख रहे हैं। इसके विपरीत, 13 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना है कि AI नई नौकरियों के सृजन में उत्प्रेरक का काम करेगा, खासकर उभरती हुई तकनीकी भूमिकाओं में।

रिपोर्ट के अनुसार, जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक नियुक्तियों की संभावना जताई गई है, उनमें आईटी (42 प्रतिशत), एनालिटिक्स (17 प्रतिशत) और व्यवसाय विकास (11 प्रतिशत) शामिल हैं। इन क्षेत्रों में नियोक्ताओं को एआई-संचालित अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। नौकरी डॉट कॉम के मुख्य व्यवसाय अधिकारी पवन गोयल ने कहा, "यह बेहद उत्साहजनक है कि 72 प्रतिशत नियोक्ता प्रतिस्थापन के बजाय शुद्ध नई नौकरियों के सृजन के माध्यम से टीम विस्तार की योजना बना रहे हैं। समान रूप से उल्लेखनीय यह है कि 87 प्रतिशत नियोक्ताओं को एआई के कारण बड़े पैमाने पर नौकरी जाने की आशंका नहीं है — जो वैश्विक स्तर पर देखे जा रहे रुझानों से बिल्कुल अलग रुख है।"

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भर्ती की तेज़ रफ्तार मुख्यतः तकनीकी क्षेत्रों की मांग से प्रेरित है। 37 प्रतिशत नियोक्ता IT से जुड़ी भूमिकाओं के लिए भर्ती करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, यह मांग पारंपरिक आईटी प्रोफाइल के बजाय उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और AI से जुड़ी विशेषज्ञताओं से प्रेरित है। कंपनियां इन क्षमताओं को हर इंडस्ट्री में अनिवार्य मान रही हैं।

वहीं, रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि 4 से 7 वर्षों के अनुभव वाले मध्यम-स्तरीय पेशेवरों की सबसे अधिक मांग है, जिनमें 47 प्रतिशत नियोक्ता रुचि दिखा रहे हैं। इसके अलावा, 3 साल तक के अनुभव वाले एंट्री-लेवल उम्मीदवारों की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत बताई गई है। वहीं 8-12 साल के अनुभवी पेशेवरों को नियुक्त करने की योजना केवल 17 प्रतिशत नियोक्ताओं की है, जबकि 13-16 साल के अनुभव वाले वरिष्ठ पेशेवरों को नियुक्त करने की मंशा केवल 3 प्रतिशत नियोक्ताओं ने जताई है।

रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि भारत का व्हाइट-कॉलर नौकरियों का परिदृश्य तकनीकी विकास, AI और उभरती भूमिकाओं के अनुरूप तेज़ी से बदल रहा है, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।


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Content Editor

Shubham Anand

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