ट्रंप के 50% टैरिफ से निपटने के लिए भारत की खास स्ट्रैटेजी, कपड़ा निर्यात बढ़ाने के लिए 40 देशों में चलाएगा खास अभियान
punjabkesari.in Wednesday, Aug 27, 2025 - 04:26 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अमेरिका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद, भारत ने कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन, जापान, दक्षिण कोरिया समेत 40 प्रमुख देशों में विशेष प्रचार अभियान चलाने की योजना बनाई है। यह जानकारी एक अधिकारी ने बुधवार को दी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 40 देशों में जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड, पोलैंड, कनाडा, मेक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया जैसे महत्वपूर्ण बाजार भी शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि भारत इन बाजारों में एक रणनीतिक योजना के तहत काम करेगा, जिसमें भारतीय उद्योग समूह, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और देश के मिशन की अहम भूमिका होगी।
इन 40 देशों में छुपे हैं असली अवसर
रिपोर्ट के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य भारत को गुणवत्ता, स्थिरता और नवीनता वाले कपड़ा उत्पादों का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना है। भारत पहले से ही 220 से अधिक देशों को वस्त्र निर्यात करता है, लेकिन इन 40 देशों में निर्यात के असली अवसर हैं, जहां कुल मिलाकर लगभग 590 अरब डॉलर का वस्त्र और परिधान आयात होता है। भारत की वर्तमान बाजार हिस्सेदारी मात्र 5-6% है, जिसे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
48 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात प्रभावित
सरकार इन बाजारों में परंपरागत और नए दोनों तरह के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि निर्यात को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जा सके। अमेरिका द्वारा 27 अगस्त से लागू 50% टैरिफ के कारण भारत के 48 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात प्रभावित होंगे। खास तौर पर कपड़ा, रत्न-आभूषण, झींगा, चमड़ा, फुटवियर, पशु उत्पाद, रसायन, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरी क्षेत्रों को इसका सबसे अधिक नुकसान होगा।
वस्त्र और परिधान क्षेत्र का आकार
वित्त वर्ष 2024-25 में वस्त्र और परिधान क्षेत्र का आकार लगभग 179 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें 142 अरब डॉलर घरेलू बाजार और 37 अरब डॉलर निर्यात है। वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र का आयात बाजार 800.77 अरब डॉलर का है। भारत विश्व व्यापार में 4.1% हिस्सेदारी के साथ छठा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की अहम भूमिका
अधिकारी ने बताया कि एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इस रणनीति का अहम हिस्सा होंगी। ये काउंसिल बाजार की मांग को समझेंगी, प्रमुख उत्पादन केंद्र जैसे सूरत, पानीपत, तिरुपुर, भदोही को लक्षित देशों से जोड़ेंगी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों एवं प्रदर्शनों में भारत की भागीदारी बढ़ाएंगी। इसके साथ ही ‘ब्रांड इंडिया’ के तहत विभिन्न सेक्टरों की मार्केटिंग भी करेंगी। ये काउंसिल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) का उपयोग, स्थिरता मानकों का पालन और आवश्यक सर्टिफिकेट हासिल करने में निर्यातकों की मदद करेंगी। एफटीए और विभिन्न देशों के साथ चल रही बातचीत से भारतीय निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा और इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
कपड़ा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
एप्पेयरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सचिव जनरल मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र, जिसका अमेरिका में निर्यात लगभग 10.3 अरब डॉलर का है, सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया कि 25% टैरिफ के बाद उद्योग इसे संभाल सकता था, लेकिन अतिरिक्त 25% टैरिफ की वजह से कुल 50% कर हो गया, जिससे भारतीय कपड़ा उद्योग अमेरिका के बाजार से लगभग बाहर हो गया है। ठाकुर ने यह भी कहा कि इस टैरिफ वृद्धि के कारण भारत को बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, कंबोडिया और इंडोनेशिया जैसे प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में 30-31% अधिक शुल्क का सामना करना पड़ रहा है।
