हिंसा, घृणा में फंसी दुनिया को आशा की किरण दिखाता है भारत : मोदी
punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 08:49 PM (IST)
नेशनल डेस्कः आईआईएम कोझिकोड के छात्रों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खुलापन, विभिन्न विचारों के प्रति सम्मान और नवाचार भारतीय चिंतन की सहज प्रक्रिया है। पीएम ने कहा कि जब दुनिया घृणा, हिंसा, संघर्ष और आतंकवाद से मुक्ति चाहती है तो भारतीय जीवन का तरीका एक आशा की किरण सरीखा है। उन्होंने कहा कि भारत ने संघर्ष को टालने के लिए कभी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि विमर्श की शक्ति से संघर्ष को टाला है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों को महिलाओं को वोट का अधिकार देने के लिए दशकों लगे लेकिन हमारे संविधान ने पहले दिन से ही महिलाओं को ये अधिकार दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने जोड़ा कि भारतीय चिंतन ने दुनिया को बहुत कुछ दिया और अभी भी बहुत कुछ देने की संभावना है। महात्मा गांधी ने दुनिया को शांति के इन संदेशों को बताया जिनकी बदौलत भारत को आजादी मिली। संवेदना, भाईचारा, न्याय, सेवा और खुलापन भारत के कोर विचार रहे हैं और ये आदर्श अभी भी भारतीय मूल्यों के केंद्रबिंदु हैं। अपने इन्हीं मूल्यों के बदौलत हमारी भूमि ने दुनिया का स्वागत किया। हमारी सभ्यता उस वक्त फली-फूली जब बाकी ऐसा नहीं कर सके. क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि हमने शांति और भाईचारे का संदेश दिया।
पीएम मोदी ने भारतीयों के उन प्रयत्नों को भी सराहा जो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्बन उत्सर्जन में कटौती कर रहे हैं। सकारात्मक पहल के लिहाज से देश के वन क्षेत्र और बाघों की संख्या बढ़ने का उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने आईआईएम कोझिकोड के एमडीएक्स कांप्लेक्स में स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा का भी अनावरण किया।
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