भारत का फार्मा निर्यात 2047 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है: Report
punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत का फार्मास्यूटिकल निर्यात 2023 में लगभग 27 बिलियन डॉलर था जो 2030 तक दोगुना होकर 65 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं 2047 तक यह बढ़कर लगभग 350 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। यह आंकड़ा एक नई रिपोर्ट के आधार पर सामने आया है जो भारतीय फार्मास्यूटिकल अलायंस (आईपीए), भारतीय औषधि निर्माता संघ (आईडीएमए) और फार्मेक्सिल के सहयोग से बेन एंड कंपनी द्वारा तैयार की गई है।
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भारत का फार्मास्यूटिकल क्षेत्र
भारत दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवाओं का आपूर्तिकर्ता है और भारत में बिकने वाली पांच में से एक जेनेरिक दवा भारतीय कंपनियों द्वारा बनाई जाती है। हालांकि निर्यात मूल्य के मामले में भारत फिलहाल 11वें स्थान पर है। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि यदि भारत अपने निर्यात बास्केट में नवाचार और विविधता लाता है जैसे कि विशेष जेनेरिक्स, बायोसिमिलर और नए उत्पादों को शामिल करके तो वह 2047 तक निर्यात मूल्य के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो सकता है।
सरकार की प्रतिबद्धता
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "भारत लंबे समय से दुनिया की फार्मेसी रहा है लेकिन अब हम इसे बदलना चाहते हैं और भारत को दुनिया का स्वास्थ्य सेवा संरक्षक बनाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार नवाचार को बढ़ावा देने, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने और निर्बाध विनियामक प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मूल्य-आधारित विकास की ओर बदलाव
बेन एंड कंपनी के पार्टनर श्रीराम श्रीनिवासन ने कहा कि भारत के फार्मास्यूटिकल उद्योग के लिए मात्रा-आधारित से मूल्य-आधारित विकास की ओर संक्रमण आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष जेनेरिक्स, बायोसिमिलर और नवीन उत्पादों की ओर बदलाव करना भारत के फार्मास्यूटिकल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा।
भारतीय एपीआई और बायोसिमिलर निर्यात
भारत का एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट) निर्यात वर्तमान में 5 बिलियन डॉलर है जो 2047 तक बढ़कर 80-90 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारतीय कंपनियों के पास वर्तमान में वैश्विक बायोसिमिलर बाजार का 5 प्रतिशत से भी कम हिस्सा है लेकिन अनुसंधान और विकास में बढ़ते निवेश और उत्पादों की पाइपलाइन में विस्तार के कारण यह आंकड़ा बढ़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बायोसिमिलर निर्यात जो वर्तमान में 0.8 बिलियन डॉलर है 2030 तक 4.2 बिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है और 2047 तक यह 30-35 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
भारत के फार्मा निर्यात का बढ़ना
भारत का फार्मा निर्यात अब 70 प्रतिशत बढ़ चुका है और इसका मूल्य 19 बिलियन डॉलर है जो 2047 तक बढ़कर 180-190 बिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है। आईडीएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विरंची शाह ने कहा, "भारत फार्मा निर्यात में अग्रणी बन सकता है लेकिन इसके लिए रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है।"
भारत की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को और अधिक नवाचार और विविधता लाने की जरूरत है ताकि वह वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिस्पर्धा बढ़ा सके। सरकार और उद्योग की साझेदारी से भारत जल्द ही दुनिया के प्रमुख फार्मा निर्यातक देशों में शामिल हो सकता है।