बचना है तो सावधान हो जाइए! Income Tax इन 5 गलती करने वालों को चुन-चुन कर भेज रहा है नोटिस
punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 01:27 PM (IST)

हर साल लाखों लोग इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं। कई लोग टैक्स बचाने के चक्कर में ऐसे तरीके अपनाते हैं जो कानूनन गलत हैं। कुछ लोग जानबूझकर तो कुछ अनजाने में ऐसे फर्जी डॉक्यूमेंट लगाते हैं जिससे उन्हें टैक्स में छूट मिल जाए। लेकिन अब आयकर विभाग पहले से ज्यादा सतर्क और तकनीकी रूप से सक्षम हो गया है। छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है और नोटिस आना तय है। ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि किन-किन मामलों में इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) नोटिस भेज रहा है और कैसे आप इन गलतियों से बच सकते हैं।
1. फर्जी रेंट रिसीप्ट से HRA क्लेम करना
बहुत से लोग घर का किराया दिखाकर HRA (House Rent Allowance) का फायदा उठाते हैं। इसके लिए वे फर्जी रेंट रिसीप्ट लगाते हैं, जबकि असल में किराया दिया ही नहीं गया होता। कुछ मामलों में तो सीए (CA) भी इसमें शामिल रहते हैं। अब विभाग ऐसे मामलों की सख्ती से जांच कर रहा है और एक ही पैन पर बार-बार रेंट क्लेम करने वालों को पकड़ रहा है।
2. 80C, 80D और 80G की फर्जी रसीदें लगाना
टैक्स छूट पाने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80C, 80D और 80G का लोग बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर रहे हैं। कई करदाता 80C के तहत बीमा पॉलिसी या निवेश योजनाओं की फर्जी रसीदें लगाकर टैक्स छूट का दावा करते हैं, जबकि वास्तव में उन्होंने कोई निवेश नहीं किया होता। इसी तरह, 80D के अंतर्गत मेडिकल खर्चों की झूठी रसीदें प्रस्तुत की जाती हैं ताकि स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली छूट ली जा सके। 80G के तहत कुछ लोग ऐसे डोनेशन दिखाते हैं जो असल में किए ही नहीं गए होते, केवल टैक्स बचाने के उद्देश्य से। अब आयकर विभाग ने इन सभी दावों की ऑनलाइन वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे ऐसे फर्जीवाड़ों का आसानी से पता लगाया जा रहा है और संबंधित करदाताओं को नोटिस भेजा जा रहा है।
3. इनकम कम दिखाकर खर्चा ज्यादा करना
यदि आपने अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में आय कम दिखाई है लेकिन आपके बैंक खाते में लगातार मोटी रकम जमा हो रही है या फिर आपके खर्चे आपकी घोषित आय से कहीं अधिक हैं, तो आयकर विभाग की नजर आप पर जरूर पड़ेगी और नोटिस आना लगभग तय है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपने सालभर में अपने क्रेडिट कार्ड से अपनी घोषित आय से अधिक खर्च किया है, विदेश यात्रा पर लाखों रुपये उड़ा दिए हैं या एफडी (FD) में बड़ी रकम निवेश की है, तो ये सभी जानकारी स्वतः ही आयकर विभाग के पास पहुंच जाती है। विभाग को ये डाटा आपके Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) के माध्यम से मिलता है। अगर इन दस्तावेजों और आपके ITR में अंतर पाया गया, तो तुरंत नोटिस जारी किया जा सकता है और जांच की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
4. प्रॉपर्टी, स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड में भारी निवेश
अगर आपने किसी वित्तीय वर्ष में कोई बड़ी प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है और उसका उल्लेख अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में नहीं किया है, तो आयकर विभाग आपसे पूछताछ कर सकता है। इसी तरह, म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट और IPO जैसे निवेश माध्यमों से हुई आय पर भी विभाग की पैनी नजर रहती है। इनसे होने वाले पूंजीगत लाभ (Capital Gain) को ITR में सही ढंग से दिखाना अनिवार्य होता है। यदि आपने इनकम को छुपाया है या गलत जानकारी दी है, तो विभाग इसे गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई कर सकता है। अब अधिकतर निवेश और ट्रांजेक्शन की जानकारी स्वतः ही विभाग के पास पहुंच जाती है, जिससे गड़बड़ी की संभावना कम और पकड़े जाने की संभावना ज्यादा हो गई है।
5. ब्याज और किराये की आय छुपाना
आज भी कई लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से मिलने वाले ब्याज या किराये से होने वाली आमदनी को अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में शामिल नहीं करते, जिससे उन्हें टैक्स से बचाव मिल सके। लेकिन ऐसा करना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि बैंक खुद ही FD पर तय सीमा से अधिक ब्याज मिलने पर TDS (Tax Deducted at Source) काटता है और इसकी पूरी जानकारी सीधे आयकर विभाग को भेज देता है। इसी तरह, यदि आप किराये की आय प्राप्त कर रहे हैं और उस पर TDS कटना चाहिए, लेकिन आपने उसे अपनी इनकम में नहीं दिखाया है, तो विभाग इसे छुपाई गई आय मान सकता है। ऐसे मामलों में आयकर विभाग इसे धोखाधड़ी की श्रेणी में रखता है और कड़ी कार्रवाई कर सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि हर स्रोत से होने वाली आमदनी को सही-सही ITR में दर्शाया जाए।
6. 2 लाख से ज्यादा की नकद खरीदारी
अगर आपने कैश में 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य की कोई चीज खरीदी है, जैसे ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर या कार आदि, तो यह जानकारी भी आयकर विभाग तक पहुंच जाती है। आयकर विभाग इस पर खास नजर रखता है क्योंकि इतनी बड़ी नकद खरीदारी अक्सर संदिग्ध मानी जाती है। ऐसे में विभाग आपसे इस रकम के स्रोत के बारे में सवाल कर सकता है और इसके सही होने का प्रमाण मांग सकता है। यदि आप इस पैसे का सही हिसाब नहीं दे पाएंगे तो नोटिस मिलने और जांच होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बड़ी कैश खरीदारी करते वक्त अपने दस्तावेज सही रखना बेहद जरूरी होता है।
7. ITR और 26AS/AIS में अंतर
Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) अब ITR फाइल करने से पहले जरूर मिलाना चाहिए। अगर आपके ITR में दिखाई गई इनकम और इन फॉर्म्स में अंतर है, तो विभाग को शक होगा और जांच शुरू हो सकती है।
8. CA भी अब जांच के घेरे में
बड़ी बात ये है कि अब इनकम टैक्स विभाग केवल टैक्सपेयर को ही नहीं, बल्कि ऐसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर भी कार्रवाई कर रहा है जो जानबूझकर फर्जीवाड़ा करने में मदद करते हैं। ऐसे मामलों में सीए पर प्रोफेशनल मिसकंडक्ट की कार्रवाई होती है और उनकी लाइसेंस भी रद्द हो सकती है।