चीन को पछाड़ भारत बना दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ वाला देश, पहली तिमाही में 13.5% रही GDP विकास दर
punjabkesari.in Thursday, Sep 01, 2022 - 02:31 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीन को पछाड़ कर भारत दुनिया में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही जो पिछले एक साल में सबसे अधिक है। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार ब्याज की बढ़ती लागत और विकसित देशों में मंदी की आशंका से आने वाली तिमाहियों में वृद्धि दर की गति धीमी पड़ने की आशंका है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही।
इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी। जनवरी-मार्च, 2022 में यह 4.09 प्रतिशत रही थी। भारत की ग्रोथ के आगे चीन आसपास भी नहीं है। जीडीपी से आशय एक निश्चित अवधि (तिमाही या वित्त वर्ष) में देश की सीमा के भीतर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है। यानी यह बताता है कि निश्चित अवधि में देश में कितने मूल्य का आर्थिक उत्पादन हुआ है। हालांकि, पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर भारतीय रिजर्व बैंक के इस महीने की शुरुआत में जारी 16.2 प्रतिशत के अनुमान से कम है।पहली तिमाही में वृद्धि को खपत से गति मिली है। इससे संकेत मिलता है कि खासकर सेवा क्षेत्र में घरेलू मांग पटरी पर आ रही है।
महामारी के असर के कारण दो साल तक विभिन्न पाबंदियों के बाद अब खपत बढ़ती दिख रही है। लोग खर्च के लिये बाहर आ रहे हैं। सेवा क्षेत्र में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में त्योहारों के दौरान इसे और गति मिलने की उम्मीद है।हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि धीमी पड़कर 4.8 प्रतिशत रही जो चिंता का कारण है। इसके अलावा निर्यात के मुकाबले आयात का अधिक होना भी चिंताजनक है।जीडीपी आंकड़ा बेहतर होने से रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को काबू में लाने पर ध्यान दे सकेगा। खुदरा महंगाई दर अभी आरबीआई के संतोषजक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
अप्रैल-जून तिमाही की चीन की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही है। आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निजी निवेश सालाना आधार पर 20.1 प्रतिशत बढ़ा। सरकारी खर्च इस दौरान 1.3 प्रतिशत जबकि निजी खपत 25.9 प्रतिशत बढ़ी है। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) इस साल अप्रैल-जून तिमाही में 12.7 प्रतिशत रहा। इसमें सेवा क्षेत्र में 17.6 प्रतिशत, उद्योग में 8.6 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कृषि क्षेत्र की जीवीए वृद्धि लू के रबी फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका को गलत साबित करती है।