UK में भारतीय उच्चायुक्त बोले- भारत की G20 अध्यक्षता ने ग्लोबल साउथ को सिखाया मजबूती से बात रखना
punjabkesari.in Wednesday, Aug 16, 2023 - 02:03 PM (IST)
लंदनः ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दुरईस्वामी ने कहा कि G20 समूह समावेशी विकास के लिए विश्व का प्रमुख मंच है और इस साल भारत की अध्यक्षता ने ‘ग्लोबल साउथ' को खुलकर मजबूती से अपनी बात रखने में मदद की है। ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। लंदन में मंगलवार को इंडिया हाउस में भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए एक साक्षात्कार में वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि जी20 की बैठकें भारत के हर हिस्से में हो रही हैं तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस पहल का मकसद देश के प्रत्येक हिस्से से लोगों को रूबरू कराना है।
जी20 के नेताओं का शिखर सम्मेलन नौ और 10 सितंबर को नयी दिल्ली में होगा। दुरईस्वामी ने से कहा, ‘‘जहां तक G20 का संबंध है तो यह सभी देशों के लिए समावेशी विकास के बेहतर अवसर पैदा करने के वास्ते दुनिया का प्रमुख मंच है।'' उच्चायुक्त ने स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक अगले 25 वर्षों के ‘अमृत काल' के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य तथा G20 की थीम ‘वसुदैव कुटुम्बकम' के बीच संबंध पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि उनका इरादा हर साल को खास बनाना और यह संकल्प लेने में मदद करना है कि भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करने तक सही मायने में एक विकसित देश बन जाएगा।'' अगले महीने होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की नयी दिल्ली की यात्रा के लिए तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर राजदूत ने कहा, ‘‘इंतजार करिए और देखिए।'' ब्रिटेन की मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि सुनक की भारत की पहली यात्रा पर उनका भव्य स्वागत करने की योजना बनायी गयी है।
ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री ने कहा-यह सही समय पर सही अध्यक्षता
इससे पहले ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री टॉम तुगेंदट ने कहा कि भारत की G20 की अध्यक्षता "अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण" रही है क्योंकि इसने खाद्य सुरक्षा सहित विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से निपटने में प्रभावी नेतृत्व की पेशकश की है। तुगेनधाट ने कहा, "मेरे लिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यह सही समय पर सही अध्यक्षता पद है।" G20 की अध्यक्षता के तहत, भारत समावेशी वैश्विक विकास सुनिश्चित करने, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के त्वरित कार्यान्वयन और हरित विकास पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा भोजन, ईंधन और उर्वरक के क्षेत्रों सहित वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को उजागर कर रहा है।