भारत का पहला केबल आधारित रेल पुल: अंजी खड्ड पर इलेक्ट्रिक इंजन का किया गया सफल परीक्षण
punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2024 - 12:49 PM (IST)
नेशनल डेस्क। भारतीय रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित देश के पहले केबल आधारित रेल पुल (अंजी खड्ड पुल) पर इलेक्ट्रिक इंजन का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया है। इस परीक्षण के साथ अगले साल जनवरी 2024 में कश्मीर में रेल सेवाएं शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सफलता को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर साझा करते हुए कहा, "पहला इलेक्ट्रिक इंजन सुरंग नंबर 1 और अंजी खड्ड केबल पुल से गुजरा।" उन्होंने इस ऐतिहासिक पल का वीडियो भी साझा किया।
अंजी खड्ड पुल: एक अनोखा निर्माण
भारत का पहला केबल आधारित पुल:
: अंजी खड्ड पुल भारत का पहला ऐसा रेलवे पुल है जिसे केबल के सहारे बनाया गया है।
: यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक परियोजना का हिस्सा है।
निर्माण की चुनौतियां:
: पुल का निर्माण कार्य कठिन भूगोल और जलवायु के कारण काफी चुनौतीपूर्ण था।
: इसे आधुनिक तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करके बनाया गया है।
पुल की विशेषताएं:
- पुल का उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है।
- यह पुल रेलवे लिंक को मजबूत करने के साथ-साथ कश्मीर की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
PM मोदी की सराहना
अंजी खड्ड पुल का निर्माण कार्य पिछले महीने पूरा हुआ था। इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे और इसके इंजीनियरों की जमकर प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि यह पुल भारत की इंजीनियरिंग और नवाचार का अद्भुत उदाहरण है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक
: यह परियोजना कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से रेल संपर्क प्रदान करने का एक ऐतिहासिक प्रयास है।
: इस रेलवे लिंक के माध्यम से कश्मीर की जनता को न केवल यात्रा में सहूलियत मिलेगी बल्कि व्यापार और विकास के नए अवसर भी खुलेंगे।
जनवरी 2024 से रेल सेवाएं शुरू होने की उम्मीद
: इलेक्ट्रिक इंजन के सफल परीक्षण ने यह साबित कर दिया है कि पुल रेल यातायात के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
: रेलवे ने संकेत दिया है कि जनवरी 2024 से कश्मीर में रेल सेवाएं शुरू हो सकती हैं।
भारत की रेलवे के लिए मील का पत्थर
: अंजी खड्ड पुल न केवल इंजीनियरिंग की एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि यह भारत के रेलवे नेटवर्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाएगा।
: कश्मीर की जनता और भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है।