चीन के OBOR का करारा जवाब देने की तैयारी में भारत

punjabkesari.in Thursday, Jul 13, 2017 - 03:35 PM (IST)

बीजिंगः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अब चीन के वन रोड-वन बेल्ट की काट निकालने में लगी है। बुधवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना है। इस योजना के तहत सरकार 'SASEC' कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा सरकार ने बांग्लादेश के साथ रणनीतिक संबंधों पर भी जोर दिया है।  

दरअसल, केंद्र सरकार कई साल पहले शुरू की गई  साउथ एशियन सब रिजनल इकोनॉमिक को-ऑपरेशन(SASEC) योजना को दोबारा तेज रफ्तार से शुरू करना चाहती है। इसके तहत भूटान, नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के साथ सड़क परियोजनाओं को लागू किया जाएगा। इसी के तहत कैबिनेट ने मणिपुर के इंफाल-मोरेह को जोड़ने के लिए 1630 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मोरेह मणिपुर और म्यांमार बॉर्डर पर एक कस्बा है और मणिपुर में मौजूद यह हाईवे 65 किलोमीटर लंबा है।   PunjabKesari
कैबिनेट ने बांग्लादेश के साथ पहले से ही मजबूत हो रहे रिश्ते को और गहराई देने के लिए दो महत्वपूर्ण फैसले किए हैं।इसमें बांग्लादेश के साथ निवेश बढ़ाने के लिए समझौता किया है। इसे ज्वाइंट्स इंटरप्रेटिव नोट्स (JEAN) का नाम दिया गया है. वहीं सरकार ने भारत व बांग्लादेश के बीच साइबर हमले के मामले में रणनीतिक सहयोग बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है।  इससे पहले भी खबर आई थी कि भारत पड़ोसी देश में लगातार बढ़ रहे चीन के निवेश का रिव्यू करेगा। अपने रणनीतिक हितों को देखते हुए भारत ने चीन की वन बेल्ट वन रोड नीति पर चिंता जताई है।

50 बिलियन डॉलर का चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है. केंद्र सरकार बांग्लादेश, भूटान, म्यामांर, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में चीनी निवेश की प्रकृति और प्रभाव का भी विश्लेषण करेगी। इसके साथ ही अफगानिस्तान और मालदीव में चीनी निवेश का भी अध्ययन किया जाएगा. हालांकि इस अध्ययन में सबसे बड़ी बाधा पड़ोसी देशों के सालाना एफडीआई और चीनी एफडीआई का विस्तृत डाटा न होना है।


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