भारत अमेरिकी उच्च टैरिफ का सामना करने को तैयार! जल्द शुरू होगी द्विपक्षीय व्यापार वार्ता

punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 08:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे उच्च टैरिफ का सामना करने की तैयारी कर रहा है। दो भारतीय सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत को अपने कुछ निर्यातों पर अस्थायी तौर पर 20% से 25% तक के अमेरिकी टैरिफ लगने की संभावना है, क्योंकि वह वाशिंगटन द्वारा 1 अगस्त की निर्धारित समयसीमा से पहले नए व्यापार रियायतों पर रोक लगा रहा है।

हालांकि, भारत अगस्त के मध्य में अमेरिका के एक प्रतिनिधिमंडल के दौरे के दौरान व्यापक व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है। इस वार्ता का उद्देश्य सितंबर या अक्टूबर तक एक व्यापक द्विपक्षीय समझौते को अंतिम रूप देना होगा, जैसा कि एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया।

20 से 25 प्रतिशत तक हो सकता है टैरिफ

एक अधिकारी ने कहा, “बातचीत अच्छी प्रगति पर है और अगस्त के मध्य तक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के दिल्ली आने की उम्मीद है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ‘सबसे खराब स्थिति’ में 20 से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने वाला पत्र जारी कर सकते हैं। हालांकि, अब तक पांच दौर की व्यापार वार्ता के आधार पर हमारा मानना है कि यह टैरिफ अस्थायी होगा और जल्द ही समझौता हो जाएगा।”

भारत का ध्यान घरेलू हितों की रक्षा पर केंद्रित: जैमीसन ग्रीर

इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा था कि जो साझेदार व्यापार समझौतों पर बातचीत में सक्रिय नहीं होंगे, उन्हें अप्रैल में लगाए गए 10% टैरिफ से बढ़कर 15% से 20% तक के टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी प्रशासन जल्द ही लगभग 200 देशों को इस नई "विश्व टैरिफ" दर के बारे में सूचित करेगा।

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने सीएनबीसी से बातचीत में कहा कि भारत के साथ और अधिक वार्ता की आवश्यकता है क्योंकि ट्रम्प जल्दबाजी के सौदों की बजाय गुणवत्तापूर्ण समझौतों को प्राथमिकता देते हैं। ग्रीर ने बताया कि भारत ने अपने बाजार के कुछ हिस्सों को खोलने में रुचि दिखाई है, हालांकि उसकी व्यापार नीति घरेलू हितों की रक्षा पर केंद्रित रही है।

डेयरी क्षेत्र खोलनें को तैयार नहीं
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह रॉयटर्स को बताया कि भारत अमेरिकी व्यापार वार्ताओं में “शानदार” प्रगति कर रहा है। भारतीय अधिकारी कहते हैं कि नई दिल्ली ने कई वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती की पेशकश की है और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने के लिए भी काम कर रही है। लेकिन कृषि और डेयरी क्षेत्र अभी भी “अस्वीकार्य” बने हुए हैं, क्योंकि भारत आनुवंशिक रूप से संशोधित सोयाबीन या मक्का के आयात की अनुमति देने या अपने डेयरी क्षेत्र को खोलने के लिए तैयार नहीं है।

2024 में 129 अरब डॉलर तक पहुंचा व्यापार

2024 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वस्तु व्यापार लगभग 129 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें भारत का व्यापार अधिशेष लगभग 46 अरब डॉलर रहा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भारत ने डी-डॉलरकरण और रूसी तेल खरीद जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर अमेरिकी टैरिफ खतरों के बीच अपनी रणनीति संशोधित की है। अधिकारी का कहना है, “हम ऐसा समझौता चाहते हैं जो भारतीय निर्यातकों को समान अवसर प्रदान करे।”

समझौता ना होने पर लग सकता है 26% टैरिफ

भारत के वाणिज्य मंत्रालय और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने अभी तक इस विषय पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। विश्लेषकों के अनुसार, यदि कोई समझौता नहीं होता है तो भारतीय निर्यातों पर औसतन 26% अमेरिकी टैरिफ लग सकता है, जो वियतनाम, इंडोनेशिया, जापान या यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए टैरिफ से कहीं अधिक होगा।


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Content Editor

Shubham Anand

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