शांति बहाल करने के लिए भारत हरसंभव सहयोग देने को तैयार : मोदी ने यूक्रेन यात्रा से पहले कहा

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2024 - 11:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क : युद्धग्रस्त यूक्रेन की अपनी बहुप्रतीक्षित यात्रा से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत का दृढ़ता से मानना है कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं किया जा सकता और यह (भारत) क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बहाल करने के लिए हरसंभव सहयोग देने को तैयार है। मोदी ने पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ व्यापक वार्ता करने के बाद यह बात कही। बैठक में, दोनों नेताओं ने भारत-पोलैंड संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में तब्दील करने का निर्णय लिया।

इसके अलावा, उन्होंने कौशल प्राप्त श्रमिकों की दोनों देशों के बीच आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए एक सामाजिक सुरक्षा समझौता पर भी हस्ताक्षर किए। एक संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि सभी देशों को किसी भी राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बल प्रयोग या उसे खतरे में डालने से बचना चाहिए। मोदी ने मीडिया से कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष ‘‘हम सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है।''

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का दृढ़ता से मानना है कि युद्ध के मैदान में किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। किसी भी संकट में निर्दोष लोगों की जान जाना पूरी मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं। इसके लिए भारत अपने मित्र देशों के साथ मिलकर हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।'' वारसॉ की अपनी यात्रा संपन्न करने के बाद, मोदी कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा करेंगे और इस यात्रा में उन्हें लगभग 10 घंटे लगेंगे।

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज सहित विश्व के कई नेताओं ने ट्रेन से कीव की यात्रा की है। कीव में लगभग सात घंटे रुकने के दौरान मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ, और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे और यह उम्मीद है कि बातचीत मुख्य रूप से यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के तरीके तलाशने पर केंद्रित होगी। भारत ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की अबतक निंदा नहीं की है और वह वार्ता और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की अपील करता रहा है। पिछले महीने मास्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और शांति वार्ता बम और गोलियों के बीच सफल नहीं होती है।

मोदी-टस्क वार्ता पर एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में जारी युद्ध और उसके भयावह व दुखद मानवीय परिणामों पर अपनी ‘‘गहरी चिंता'' व्यक्त की। इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान सहित, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों व सिद्धांतों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की आवश्यकता को दोहराया।'' मोदी और टस्क ने वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, विशेष रूप से ‘ग्लोबल साउथ' के लिए यूक्रेन में युद्ध के ‘‘नकारात्मक प्रभावों'' का भी उल्लेख किया।


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News Editor

Parveen Kumar

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