भारत का यात्रा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, रोजगार सृजन में 8.2% की बढ़ोतरी का अनुमान

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2025 - 04:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत का यात्रा और आतिथ्य उद्योग इस समय तेज़ी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार सृजन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। टीमलीज सर्विसेज द्वारा जारी की गई हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही (अक्टूबर से मार्च तक) में इस क्षेत्र में शुद्ध रोजगार परिवर्तन (NET Employment Change) 8.2 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। यह वृद्धि इस क्षेत्र के आर्थिक महत्व को रेखांकित करती है, जो भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

यात्रा और पर्यटन उद्योग का आर्थिक महत्व

भारत का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र 2024 में देश के सकल घरेलू उत्पाद में 9 प्रतिशत का योगदान करने में सफल रहा, और यह आंकड़ा 11 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक था। पिछले साल के मुकाबले इस क्षेत्र ने 12 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि की है, जो कि इस उद्योग के तेजी से बढ़ने का स्पष्ट संकेत है। यात्रा और पर्यटन न केवल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन कर रहा है।

मजबूत वृद्धि की दिशा में कदम

टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इस वर्ष के अक्टूबर-मार्च के दौरान लगभग 66 प्रतिशत कंपनियों ने अपने कार्यबल का विस्तार करने की योजना बनाई है। इनमें से 8.2 प्रतिशत का शुद्ध रोजगार परिवर्तन इस बात का संकेत है कि यह क्षेत्र अपने तेज़ी से बढ़ते हुए पैमाने के साथ रोजगार के नए अवसर उत्पन्न कर रहा है।

स्मार्ट पर्यटन और नई पहल होगी?

यह वृद्धि स्मार्ट पर्यटन तकनीकों के अपनाने, MICE (मीटिंग, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) गतिविधियों के पुनरुद्धार और स्थायी पर्यटन प्रथाओं की ओर बढ़ते हुए कदमों की वजह से संभव हो रही है। इन पहलों के माध्यम से यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में अधिक कुशल पेशेवरों की मांग पैदा हो रही है। खासकर स्मार्ट यात्रा अनुभव, संपर्क रहित तकनीकी परिनियोजन और स्थिरता समन्वय जैसी नई भूमिका वाले पेशेवरों की जरूरत महसूस की जा रही है।

सरकारी पहल और निवेश कहां तक?

भारत सरकार ने यात्रा और पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहलें शुरू की हैं। इनमें स्वदेश दर्शन योजना, तीर्थ पर्यटन पर केंद्रित प्रसाद योजना और हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश शामिल हैं। इन योजनाओं से घरेलू पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है, साथ ही टियर-2 और टियर-3 शहरों में यात्रा की दिशा में सुधार हुआ है।

बढ़ते रोजगार के अवसर

इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि की मुख्य वजह पर्यटन से संबंधित व्यवसायों में व्यापक विस्तार है। विशेष रूप से, यात्रा उद्योग में काम करने वाली कंपनियां उन भूमिकाओं में भर्ती कर रही हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूक और डिजिटल रूप से उन्नत यात्रा अनुभव प्रदान कर सकें। इसके अलावा, कंपनियों द्वारा उन क्षेत्रों में भर्ती को प्राथमिकता दी जा रही है जो स्थिरता और नवाचार पर केंद्रित हैं।

कुशल पेशेवरों की बढ़ती मांग

टीमलीज सर्विसेज के अनुसार, यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में सबसे ज्यादा भर्ती की जरूरत बिक्री, मार्केटिंग, कार्यालय सेवा, और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंजीनियरिंग और ब्लू-कॉलर नौकरियों में भी महत्वपूर्ण मांग देखी जा रही है। इसका कारण यह है कि यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में न केवल सेवाओं की विविधता बढ़ रही है, बल्कि इस क्षेत्र में तकनीकी और परिचालन प्रगति के साथ नई भूमिकाएं भी उभर रही हैं।

टियर-2 और टियर-3 शहरों में रोजगार के अवसर

इस रिपोर्ट में विशेष रूप से टियर-2 और टियर-3 शहरों का उल्लेख किया गया है, जो अब रोजगार केंद्र के रूप में उभर रहे हैं। उदाहरण के लिए, पुणे, विशाखापत्तनम और कोच्चि जैसे नए स्थान भी यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र के रोजगार के केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। वहीं, मुंबई, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे बड़े महानगरों में भी प्रमुख कंपनियां भर्ती कर रही हैं।

यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में आगे की दिशा

जैसे-जैसे भारत का यात्रा और आतिथ्य उद्योग बढ़ता जा रहा है, इस क्षेत्र में स्थिरता और नवाचार को भी अधिक महत्व दिया जा रहा है। कंपनियां पर्यावरण के प्रति जागरूक यात्रा विकल्प, स्मार्ट पर्यटन अवसंरचना और निर्बाध डिजिटल अनुभव विकसित करने को प्राथमिकता दे रही हैं। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह उद्योग वैश्विक रुझानों के अनुरूप हो और पर्यटकों की बदलती जरूरतों को पूरा कर सके।

भारत के यात्रा और आतिथ्य उद्योग का यह उन्नति न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है, बल्कि देश की समग्र आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह क्षेत्र अब न केवल एक प्रमुख आर्थिक क्षेत्र बन गया है, बल्कि रोजगार सृजन में भी एक सशक्त भूमिका निभा रहा है। जैसे-जैसे इस क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे इसमें स्थिरता और नवाचार के प्रति एक मजबूत प्रतिबद्धता भी दिखाई दे रही है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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