भारत और सिंगापुर के बीच विश्वास और साझेदारी का नया युग होगा शुरू, भारत की आर्थिक ताकत बढ़ेगी

punjabkesari.in Sunday, Jan 19, 2025 - 03:16 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम ने हाल ही में कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण ध्रुव के रूप में उभर रहा है, और सिंगापुर इसे समर्थन देने के लिए तैयार है। शानमुगरत्नम ने भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और वैश्विक राजनीति में इसके बढ़ते प्रभाव पर जोर दिया। उनका कहना था कि सिंगापुर और भारत के बीच सहयोग को एक नए स्तर पर पहुंचाने के लिए दोनों सरकारें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

भारत का आर्थिक विकास और सिंगापुर का सहयोग

शानमुगरत्नम ने कहा कि भारत की युवा जनसंख्या, विकास की दिशा, और निर्यात-संचालित अर्थव्यवस्था इसे वैश्विक मंच पर एक प्रमुख ताकत बना रही है। उन्होंने बताया कि अगले 10-20 वर्षों में भारत की भूमिका वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ेगी और इसके साथ सिंगापुर का सहयोग भी मजबूत होगा। दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। शानमुगरत्नम ने यह भी कहा कि सिंगापुर अब भारत में औद्योगिक पार्कों और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रहा है, ताकि दोनों देशों के आर्थिक विकास को और बढ़ावा मिले।

कौशल विकास और अक्षय ऊर्जा

सिंगापुर के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि कौशल विकास भारत के लिए भविष्य में महत्वपूर्ण होगा। भारत में कौशल अवसंरचना का विकास हो रहा है और सिंगापुर इस प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा। भारत में सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं, और सिंगापुर इस क्षेत्र में भारत के साथ साझेदारी बढ़ाने के लिए उत्सुक है।

विमानन और डिजिटल क्षेत्र में भी सहयोग

विमानन क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका के बारे में शानमुगरत्नम ने कहा कि भारत में एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) क्षेत्र में भी संभावनाएं हैं, और सिंगापुर इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। इसके अलावा, फिनटेक और डिजिटल क्षेत्र में भी दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि दोनों देशों के वित्तीय संस्थानों के बीच डेटा का प्रवाह और विश्वास बढ़ सके। शानमुगरत्नम ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। उनका मानना है कि आज की अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में दोनों देशों के बीच विश्वास का निर्माण एक मजबूत उदाहरण पेश करेगा।


 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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