पूरे भारत में नहीं है ऐसा किला, यहां से दिखता है पाकिस्तान

punjabkesari.in Friday, Jun 03, 2016 - 05:30 PM (IST)

जैसलमेर: अपनी अनोखी निर्माण शैली के लिए मशहूर यह किला पाकिस्तान बॉर्डर पर बना है। आज जर्जर हालत में पहुंच चुके इस किले की शैली जैसा किला पूरे भारत में कहीं नहीं है। इस शैली के किले अब सिर्फ पाकिस्तान में हैं। यह किला मुस्लिम शैली में बना है। यह किले को पक्की ईंटों से तैयार किया गया था, जिसमें दो मंजिलें थीं। यह भारत-पाक बॉर्डर पर है। इसके ऊपरी हिस्से से पाकिस्तान के इलाके दिखाई देते हैं।

खुफिया रास्तों के लिए फेमस था किला
जैसलमेर के किशनगढ़ में 1000 साल पहले बने इस किले जैसा हूबहू किला बहावलपुर सिंध पाकिस्तान में है जो किशनगढ़ के सामने पाकिस्तान की तरफ है। 1965 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने इसी किले पर हमला बोला था, जिसके बाद भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए वापस खदेड़ दिया था। किले की खासियत यह है कि एक बार इस किले में जाने के बाद उसे खोजना काफी मुश्किल होता था। इसके खुफिया रास्ते इसके निर्माण की खासियत हैं।
 
इतिहास के पन्नों में यह किला
जैसलमेर से करीब डेढ़ सौ किमी दूर व भायपुर (पाकिस्तान) की सीमा के नजदीक, जैसलमेर के प्राचीन किशनगढ़ परगने का मार्ग देरावल व मुल्तान की ओर से जाता था। इस किले का निर्माण भुट्टे दावद खां उर्फ दीनू खां ने करवाया। यही कारण है कि इसका नाम दीनगढ़ पड़ा। बताते हैं कि दावद खां के पौत्रों से हुई संधि के बाद महारावल मूलाराम के समय इसका नाम किशनगढ़ रखा गया।
 
जीतने में नाकाम रहे मुगल
इस किले को हासिल करने के लिए मुगल शासकों ने काफी प्रयास किए थे। मुगलों ने सेना सहित काफी प्रयास किया कि किले के भीतर पहुंच सकें, लेकिन नाकाम रहे थे। इस किले में आठ से ज्यादा बुर्ज हैं। 

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