पहले सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर भारत से पाकिस्तान पहुंची महिला, BSF ने हिरासत में लिया
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 05:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: नागपुर की रहने वाली 43 वर्षीय सुनीता जामगड़े 15 मई को लद्दाख के कारगिल जिले के आखिरी गांव 'हंडरमैन' से अचानक लापता हो गईं। 4 मई को घर से निकली सुनीता ने परिवार को बताया था कि वह केवल कपड़े खरीदने जा रही हैं। इसके बाद उनका कोई पता नहीं चला और 11 मई को कारगिल पुलिस को जानकारी मिली कि वह पाकिस्तान चली गई हैं।
गलती से पाकिस्तान पहुंची-
जानकारी के मुताबिक सुनीता ने गलती से भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर ली थी और पाकिस्तान पहुंच गईं। कुछ समय बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। जब उनकी पहचान हुई, तो पाकिस्तान की तरफ से उन्हें BSF को सौंप दिया गया, जिसके बाद उन्हें अमृतसर लाया गया।
मामले की जांच जारी-
जांच में पता चला है कि सुनीता सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के एक शख्स से बातचीत कर रही थीं। यह बातचीत कितने समय से चल रही थी, उसमें क्या बातें हो रही थीं और क्या कुछ आपत्तिजनक था—इन सब सवालों की अब जांच की जा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या वह जानबूझकर सीमा पार गईं या उन्हें किसी ने फुसलाया।
अमृतसर में BSF ने सुनीता को हिरासत में लेकर प्रारंभिक पूछताछ की। जैसे ही नागपुर पुलिस को सूचना मिली, कपिल नगर थाने से एक अधिकारी और दो महिला पुलिसकर्मी अमृतसर रवाना हुए। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वे सुनीता को नागपुर लेकर आएंगे।
परिवार का दावा- मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी
परिवार वालों ने बताया कि सुनीता पहले एक नर्स थीं, लेकिन बाद में उन्होंने सिलाई का काम शुरू कर दिया था। उनकी मानसिक स्थिति कुछ समय से ठीक नहीं थी और नागपुर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जब वह घर से निकली थीं, तब उन्होंने किसी को कुछ नहीं बताया था, सिर्फ इतना कहा था कि बच्चे के लिए कपड़े खरीदने जा रही हैं। जब सुनीता लापता हुईं, तब उनका 12 साल का बेटा गांव में ही था। स्थानीय लोगों ने बच्चे को सुरक्षित पुलिस को सौंप दिया और अब बच्चा भी परिवार के संपर्क में है और उसकी देखभाल की जा रही है।
अब नागपुर पुलिस करेगी आगे की जांच-
नागपुर के पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम ने बताया कि अब इस पूरे मामले की जांच नागपुर पुलिस करेगी। सोशल मीडिया पर हुई बातचीत सीमा पार जाने का तरीका और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं को ध्यान में रखकर पूछताछ की जाएगी। जांच के बाद यह तय होगा कि कोई कानूनी कार्रवाई बनती है या नहीं।