भारत देगा बांग्लादेश दौरे का जवाबः PM मोदी का नया गेम प्लान शुरू, पाकिस्तान की उड़ गई नींद
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 05:06 PM (IST)

International Desk: दक्षिण एशिया की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आने वाला है। पहली बार अफगानिस्तान के तालिबानी विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर आ सकते हैं। यह दौरा ऐसे समय पर प्रस्तावित है, जब पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर लगातार भारत व तालिबान दोनों को धमकियां दे रहे हैं।
मुत्ताकी को नई दिल्ली आने का न्योता
अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने मुत्ताकी को नई दिल्ली आने का न्योता दिया है। इसके लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा चुके हैं। लेकिन यात्रा की आधिकारिक तिथि अभी तय नहीं है। चूंकि अमीर खान मुत्ताकी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) प्रस्ताव 1988 के तहत यात्रा प्रतिबंध लागू है, इसलिए भारत ने UNSC की ट्रैवल एक्सेम्प्शन कमिटी से विशेष छूट (Travel Exemption) देने का अनुरोध किया है। यदि यह मंजूरी मिल जाती है, तो तालिबान राज आने के बाद पहली बार अफगानिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत आएगा। तालिबान के विदेश मंत्रालय ने भी इस प्रस्तावित यात्रा की पुष्टि की है।
मुनीर के बांग्लादेश कार्ड का जवाब
मुत्ताकी की यह भारत यात्रा पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। दरअसल, कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने 13 साल बाद बांग्लादेश का दौरा किया था। इसे पाकिस्तान की "पूर्वी मोर्चे से भारत पर दबाव बनाने" की रणनीति माना गया था। विश्लेषकों का कहना है कि यदि मुत्ताकी दिल्ली आते हैं तो यह भारत का "कूटनीतिक पलटवार" होगा। यह पाकिस्तान की रणनीति को कमजोर कर देगा और असीम मुनीर की धमकियों का सीधा जवाब भी माना जाएगा।
अमेरिका की भूमिका अहम
ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिका ने पहले मुत्ताकी के पाकिस्तान दौरे को रोक दिया था। वाशिंगटन ने UNSC में उनके ट्रैवल छूट के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी। अब भारत ने औपचारिक रूप से अनुरोध किया है। अगर अमेरिका इस बार भी विरोध करता है तो मुत्ताकी की भारत यात्रा अधर में लटक सकती है। लेकिन अगर मंजूरी मिल जाती है तो यह भारत के लिए पाकिस्तान पर एक बड़ी राजनयिक जीत होगी।
भारत-तालिबान रिश्तों का नया अध्याय
भारत और तालिबान के रिश्ते अब तक सतर्क और सीमित रहे हैं। लेकिन काबुल और दिल्ली के बीच संपर्क बनाए रखने की कोशिश लगातार जारी है। मुत्ताकी की भारत यात्रा इस दिशा में एक अहम कदम होगी। इस यात्रा के दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार, मानवीय सहयोग और कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। भारत अफगानिस्तान में विकास परियोजनाओं, शिक्षा और मानवीय सहायता में पहले से ही सक्रिय है।
पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर ने हाल ही में भारत और तालिबान दोनों को चेतावनी दी थी। उन्होंने तालिबान को टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) और बीएलए (बलूच लिबरेशन आर्मी) को लेकर धमकी दी। साथ ही भारत को भी "पूर्वी मोर्चे" से घेरने की बात कही। पाकिस्तान का इशारा साफ तौर पर बांग्लादेश की ओर था।