बुलेट से लेकर बुलडोजर तक, जानिए भारत किन-किन चीजों का करता है दुनियाभर में सबसे ज्यादा निर्यात
punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 03:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत केवल एक कृषि प्रधान देश नहीं है बल्कि यह अब विश्व बाजार में अपने विविध उत्पादों के कारण एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन चुका है। भारतीय मसाले, दवाएं, कपड़े और वाहन दुनियाभर में लोकप्रिय हैं। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि भारत किन-किन चीजों को दुनिया के दूसरे देशों में बेचता है और इससे देश की अर्थव्यवस्था को कितना फायदा होता है।
भारत का मजबूत निर्यात क्षेत्र
भारत पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में अग्रणी देश है। यहां के बड़े तेल रिफाइनरी प्लांट कच्चे तेल को साफ करके डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन जैसे महत्वपूर्ण उत्पाद तैयार करते हैं। ये उत्पाद अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर जैसे देशों को निर्यात किए जाते हैं, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
इसके अलावा, भारत बेशकीमती रत्नों और आभूषणों के निर्माण में भी विश्व में शीर्ष स्थान पर है। यहां से हीरे, नीलम, पन्ना जैसे कीमती रत्न तराशे जाते हैं और दुनियाभर के कई देशों को भेजे जाते हैं। ये रत्न न केवल गहनों में बल्कि महंगी घड़ियों और सजावटी वस्तुओं में भी उपयोग किए जाते हैं।
इंजीनियरिंग क्षेत्र में भी भारत का दबदबा है। भारतीय मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, भारी उपकरण और बिजली से चलने वाले यंत्र अमेरिका, जर्मनी, इटली, यूके और थाईलैंड जैसे देशों में बहुत पसंद किए जाते हैं। इस तरह पेट्रोलियम, रत्न और इंजीनियरिंग उत्पाद भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हैं।
बुलेट से लेकर बुलडोजर तक
भारत में बनी रॉयल एनफील्ड की बुलेट मोटरसाइकिल देश में जितनी लोकप्रिय है, उतनी ही विदेशों में भी इसकी भारी मांग है। यह मोटरसाइकिल जर्मनी, इटली, यूके, अर्जेंटीना, जापान, कोरिया, फ्रांस, कोलंबिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे कई देशों को निर्यात की जाती है, जहां युवा और बाइक प्रेमी इसे बड़े शौक से खरीदते हैं।
इसके साथ ही भारत में निर्माण कार्यों के लिए भारी वाहन जैसे बुलडोजर, क्रेन और ट्रैक्टर का उत्पादन भी होता है, जो देश की इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये भारी वाहन अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया जैसे क्षेत्रों को भी निर्यात किए जाते हैं, जहां इनकी अच्छी मांग है। इस प्रकार, भारत न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहा है बल्कि वैश्विक विकास में भी अपना योगदान बढ़ा रहा है।
वस्त्र और कपड़ा उद्योग
भारत प्राचीन काल से ही वस्त्र निर्माण में कुशल रहा है और आज भी यहां से कपास, रेशम और ऊन से बने कपड़े विदेशों को निर्यात किए जाते हैं। भारत से साड़ी, कुर्ता, दुपट्टा, लिनन, कॉटन फैब्रिक और रेडीमेड गारमेंट्स जैसे कई प्रकार के वस्त्र दुनियाभर में भेजे जाते हैं। खासकर अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप के कई देशों में भारतीय कपड़ों की बड़ी मांग है, जो हमारे टेक्सटाइल उद्योग को मजबूती प्रदान करती है।
दवाओं, वैक्सीन और अनाज का हब
भारत को 'विश्व की फार्मेसी' के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां से जेनेरिक दवाएं, वैक्सीन और अन्य जीवन रक्षक दवाएं दुनियाभर को निर्यात की जाती हैं। खासतौर पर कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने लाखों डोज वैक्सीन का निर्यात करके वैश्विक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसके अलावा, भारत की कृषि परंपरा भी बहुत समृद्ध है। देश से गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा जैसे अनाज के साथ-साथ मसाले जैसे हल्दी, मिर्च, धनिया, चाय, कॉफी, गुड़ और शहद भी विश्व के कई देशों को भेजे जाते हैं। ये सभी उत्पाद भारत की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभाते हैं।
रसायन, मांस और डेयरी उत्पाद
भारत में कार्बनिक और अकार्बनिक रसायनों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, जिनका उपयोग दवाओं, खाद, कीटनाशकों और विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। इसके साथ ही, भारत से इस्पात और लोहा भी निर्यात किया जाता है, जो निर्माण कार्यों और भारी उद्योगों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है। इसके अलावा, भारत मांस आधारित उत्पादों और डेयरी सामानों जैसे दूध, दही, पनीर आदि का भी निर्यात करता है। खासतौर पर भैंस के मांस, फ्रोज़न मीट और दूध से बने उत्पाद विदेशी बाजारों में काफी मांग में हैं।