भारत बना डिजिटल पायलट लाइसेंस शुरू करने वाला दूसरा देश
punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 04:21 PM (IST)
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नेशनल डेस्क. भारत ने अपने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए पायलटों के लिए इलेक्ट्रॉनिक पर्सनल लाइसेंस (EPL) लॉन्च किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस पहल का उद्घाटन किया, जिससे भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) से मंजूरी मिलने के बाद डिजिटल पायलट लाइसेंस लागू किया है।
पारंपरिक भौतिक लाइसेंसों की जगह अब EPL को डिजिटल रूप में पेश किया जाएगा, जिसे eGCA मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए एक्सेस किया जा सकेगा। इस बदलाव से लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सुगम बनाने और सुरक्षा एवं पारदर्शिता बढ़ाने की उम्मीद है। यह पहल "व्यवसाय करने में आसानी" और "डिजिटल इंडिया" के सरकार के दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है, जिससे उड्डयन पेशेवरों के लिए एक सहज अनुभव सुनिश्चित होगा।
EPL को ICAO के संशोधन 178 के तहत पेश किया गया है, जो व्यक्तिगत लाइसेंसिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक लाइसेंसिंग को प्रोत्साहित करता है ताकि दक्षता और सुरक्षा में सुधार हो सके। जबकि प्रमुख उड्डयन देश अभी भी इसी तरह के सिस्टम लागू करने की प्रक्रिया में हैं। भारत ने इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाई है और यह एक वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है।
पिछले वर्षों में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पायलट लाइसेंसों को स्मार्ट कार्ड के रूप में जारी करता रहा है, जिसमें पहले ही 62,000 से अधिक लाइसेंस वितरित किए जा चुके हैं। केवल 2024 में लगभग 20,000 पायलटों को प्रिंटेड कार्ड लाइसेंस की आवश्यकता थी। औसतन प्रति माह 1,667 कार्ड। EPL के लागू होने से भौतिक लाइसेंस पर निर्भरता धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी, जिससे देरी कम होगी और प्लास्टिक और कागज के उपयोग में कमी आएगी, जो पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान करेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि उड्डयन पेशेवरों की बढ़ती मांग के कारण भारत के तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन क्षेत्र को निकट भविष्य में लगभग 20,000 नए पायलटों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि पायलट इस उद्योग की रीढ़ हैं और डिजिटल पहलों जैसे eGCA और EPL उनके वैश्विक रोजगार योग्यता को बढ़ाएंगे, जबकि सुरक्षा संचालन के लिए उनके प्रमाणपत्रों तक रियल-टाइम पहुंच सुनिश्चित करेंगे।
EPL का लॉन्च भारतीय उड्डयन में डिजिटल परिवर्तन की एक व्यापक पहल का हिस्सा है। सरकार पहले ही कई शानदार पहलों को लागू कर चुकी है, जिनमें लाइसेंसिंग के लिए eGCA प्लेटफॉर्म, ड्रोन के लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म और एयरलाइन संचालन के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ्लाइट फोल्डर (EFF) शामिल हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य उड्डयन क्षेत्र को आधुनिक बनाना और भारत को डिजिटल उड्डयन समाधान में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।