भारत और चीन ने रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए उठाए कई अहम कदम

punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 05:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और चीन ने बुधवार को अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कई कदम उठाने पर सहमति जताई। इनमें लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने, सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने, मीडिया और थिंक टैंक के बीच संवाद बढ़ाने और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने की योजना शामिल है। यह समझौता बीजिंग में दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के बीच आधिकारिक परामर्श में हुआ, इसके एक दिन बाद सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यशील तंत्र की बैठक हुई, जिसमें सीमा पार सहयोग को फिर से शुरू करने पर चर्चा की गई, खासकर सीमा पार नदियों और कैलाश-मानसरोवर यात्रा के संबंध में।

सीमाओं पर स्थिति सुधारी
इन दोनों बैठकों का उद्देश्य भारत और चीन के रिश्तों को फिर से सामान्य करना था, जो लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों के बीच गतिरोध के बाद छह दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गए थे। अक्टूबर में हुई एक समझौते के बाद, दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात की और रिश्तों को सामान्य बनाने के लिए कई पहलुओं पर सहमति जताई थी।

सीधे उड़ानें फिर से शुरू होंगी
बुधवार की बैठक में दोनों पक्षों ने विदेश सचिव विक्रम मिश्रि और चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइडोंग के 27 जनवरी को हुई बैठक में तय रणनीतिक दिशा और कदमों की समीक्षा की। बैठक में यह भी तय किया गया कि लोग-से-लोग के बीच संपर्क को बढ़ाने के लिए सीधी उड़ानों की बहाली, मीडिया और थिंक टैंक के बीच संवाद और 75वीं वर्षगांठ की योजना पर काम जारी रहेगा। चीन ने इस बैठक में सीधी उड़ानों की बहाली की प्रमुख मांग उठाई थी। इसके साथ ही चीन ने वीजा प्रतिबंधों को आसान बनाने और व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने की भी बात की थी।

कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली
बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा को 2025 में फिर से शुरू करने के लिए भी आगे की प्रक्रियाओं पर चर्चा की गई। यह यात्रा 2020 से बंद थी और इसे फिर से शुरू करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता चल रही है।

भविष्य के कदम
इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि संवाद तंत्र को चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू किया जाए ताकि दोनों देशों के अहम मुद्दों पर बातचीत की जा सके और रिश्तों को एक स्थिर और पूर्वानुमान योग्य दिशा में ले जाया जा सके। गौरतलब है कि भारत-चीन के रिश्ते 1962 की सीमा युद्ध के बाद से सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे, जब लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़पें हुईं और गलवान घाटी में जून 2020 में एक हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों और कम से कम चार चीनी सैनिकों की मौत हो गई थी।


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Content Editor

Harman Kaur

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