IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले हुआ ये बड़ा बदलाव, टीम इंडिया की बढ़ी मुश्किलें!
punjabkesari.in Tuesday, Mar 04, 2025 - 09:50 AM (IST)

खेल डेस्क: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का पहला सेमीफाइनल मुकाबला आज दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जाएगा। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे शुरू होगा। लेकिन इस हाई-वोल्टेज मुकाबले से पहले दुबई की पिच को लेकर एक बड़ा अपडेट आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मैच पुरानी पिच की बजाय एक नई पिच पर खेला जाएगा, जिससे भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अब तक भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में अलग-अलग पिचों पर शानदार प्रदर्शन किया है। बांग्लादेश, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम ने अलग पिचों पर मैच खेले थे। हालांकि, अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल एक नई पिच पर खेला जाएगा, जिसका स्वभाव पहले खेले गए मैचों से बिल्कुल अलग होगा। इससे भारतीय टीम की रणनीति प्रभावित हो सकती है।
स्पिनरों के लिए चुनौतीपूर्ण होगी पिच
भारत की ताकत उसकी स्पिन गेंदबाजी रही है। न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में टीम इंडिया चार स्पिन गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी थी, जिसमें वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा ने अहम भूमिका निभाई थी। वरुण चक्रवर्ती ने तो 5 विकेट झटके थे। लेकिन अगर नई पिच पर मुकाबला होता है, तो स्पिनरों को उतनी मदद नहीं मिलेगी, जितनी उन्हें पुरानी पिच पर मिली थी।
ऑस्ट्रेलिया को फायदा?
ऑस्ट्रेलियाई टीम को आमतौर पर तेज और उछाल भरी पिचों पर खेलना ज्यादा पसंद है। अगर नई पिच बल्लेबाजों और तेज गेंदबाजों के अनुकूल हुई, तो इससे ऑस्ट्रेलियाई टीम को फायदा हो सकता है। टीम में पहले से ही मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड और पैट कमिंस जैसे तेज गेंदबाज मौजूद हैं, जो पिच के उछाल का फायदा उठा सकते हैं। वहीं, भारतीय बल्लेबाजों के लिए तेज और स्विंग होती गेंदों पर रन बनाना आसान नहीं होगा।
आईसीसी और पिच क्यूरेटर का रोल
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की इस नई पिच को एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड की देखरेख में तैयार किया जा रहा है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू सैंड्री इस पिच के क्यूरेटर की भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में भारतीय टीम को मुकाबले से पहले इस पिच का अच्छी तरह से आकलन करना होगा और अपनी रणनीति उसी के अनुसार तैयार करनी होगी।
भारत को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
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अतिरिक्त तेज गेंदबाजों को मौका देना – चूंकि पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है, इसलिए भारतीय टीम को एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना चाहिए।
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ओपनिंग में सतर्क शुरुआत – नई पिच पर स्विंग और उछाल ज्यादा हो सकता है, इसलिए भारतीय बल्लेबाजों को संभलकर खेलना होगा।
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स्पिनरों का सही इस्तेमाल – भले ही पिच से ज्यादा टर्न न मिले, लेकिन सही लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करके स्पिनर प्रभावी साबित हो सकते हैं।