पाक सेना के लाडले बने इमरान, 2012 में कहा था - ‘सेना के दिन अब लद गए’

punjabkesari.in Friday, Jul 27, 2018 - 12:00 AM (IST)

नई दिल्ली : पाकिस्तान के आम चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पाकिस्तान तहरीक - ए - इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को फिलहाल देश की ताकतवर सेना का ‘लाडला’ माना जा रहा है , लेकिन करीब छह साल पहले उन्होंने बयान दिया था कि पाकिस्तान में ‘सेना के दिन अब लद गए हैं।’ इमरान की पार्टी पीटीआई ऐसे समय में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है जब उनकी प्रतिद्वंद्वी पाॢटयों और कई टिप्पणीकारों का मानना है कि पूर्व क्रिकेटर अब सेना के ‘ लाडले ’ बन गए हैं और सेना उनकी मदद के लिए पर्दे के पीछे रहकर काम कर रही है। ऐसे में इमरान के 2012 के बयान और उनके आज के रुख में बड़ा फर्क देखा जा रहा है।

इमरान खान ने विश्व आर्थिक मंच पर कहा था -‘सेना के दिन अब लद गए’
 साल 2012 में स्विट््जरलैंड के दावोस शहर में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के दौरान एक इंटरव्यू में इमरान ने कहा था , ‘सेना के दिन लद गए हैं। आप पाकिस्तान में जल्द ही एक सच्चा लोकतंत्र देखेंगे।’ इमरान के इस बयान के बाद जब पाकिस्तान में चुनाव हुए थे तो उनकी पार्टी पीटीआई कुछ ही सीटों पर सिमट गई थी। लेकिन बुधवार को हुए चुनाव के बाद सामने आ रहे नतीजों में उनकी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया।

चुनाव जीतने के बाद इमरान ने बदली अपनी राय
गौरतलब है कि सेना के बारे में इमरान की राय में भी अब बड़ा बदलाव आ गया है। इस साल मई में अमरीकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में इमरान ने कहा था , ‘यह पाकिस्तान की सेना है , दुश्मन की सेना नहीं है। मैं सेना को अपने साथ लेकर चलूंगा।’ साल 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से अब तक लगभग आधे समय वहां सेना का ही शासन रहा है। पाकिस्तान की लोकतांत्रिक तौर पर चुनी गई असैन्य सरकारों में भी सेना का दखल रहा है।

भारत को लेकर भी बदली इमरान की राय
भारत को लेकर भी इमरान की राय में अब बदलाव नजर आता है। साल 2012 में इमरान भारत के साथ ‘बेहतरीन रिश्ते’ चाहते थे , लेकिन इस बार के चुनावों में उन्होंने भारत पर पाकिस्तानी सेना को ‘कमजोर’ करने और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलकर ‘साजिश’ रचने के आरोप लगाए। मौजूदा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद इमरान ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए तैयार है और यदि भारत एक कदम आगे बढ़ाएगा तो वह दो कदम आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित हनन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कश्मीरी लोगों को तकलीफ से गुजरना पड़ रहा है। 


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shukdev

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