IMD ने मानी अपनी गलती, कहा- हां, इस बार मानसून की भविष्यवाणी को लेकर हुई चूक

punjabkesari.in Tuesday, Jul 13, 2021 - 07:27 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के ऊपर दक्षिणपश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने को लेकर कई पूर्वानुमान में त्रुटियों को लेकर आलोचना का सामना कर रहे भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने  अब सफाई देते हुए कहा कि राजधानी में मानसून के आगे बढ़ने की भविष्यवाणी करने में संख्यात्मक मॉडलों द्वारा ऐसी विफलता "दुर्लभ और असामान्य" है। इसके साथ ही वभाग ने स्वीकार किया कि इस बार दिल्ली के लिए उसकी भविष्यवाणियां गलत थी। 


नवीनतम मॉडल विश्लेषण से मिले थे बारिश के संकेत 
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि उसके नवीनतम मॉडल विश्लेषण से संकेत मिला था कि बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर पर नम पूर्वी हवाएं 10 जुलाई तक पंजाब और हरियाणा को आच्छादित करते हुए उत्तर पश्चिम भारत में फैल जाएंगी, जिससे मानसून आगे बढ़ेगा और 10 जुलाई से दिल्ली सहित इस क्षेत्र में वर्षा गतिविधियों में वृद्धि होगी। आईएमडी ने कहा कि इन नम हवाओं के कारण बादल छाने और सापेक्षिक आर्द्रता में वृद्धि हुई है। इससे इस क्षेत्र में मानसून फिर से बहाल हुआ है और पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर में काफी व्यापक या व्यापक वर्षा और पंजाब एवं पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट वर्षा हुई है।


दिल्ली में महत्वपूर्ण वर्षा नहीं हुई
आईएमडी ने कहा, कि हालांकि, इससे दिल्ली में महत्वपूर्ण वर्षा नहीं हुई, भले ही दिल्ली के आसपास के पड़ोसी स्थानों पर वर्षा हुई। आईएमडी ने कहा कि गंगानगर और जैसलमेर के रेगिस्तानी जिले में भी बारिश हुई और दिल्ली में नहीं हुई। दिल्ली में मानसून के आगे बढ़ने की भविष्यवाणी में संख्यात्मक मॉडल की इस तरह की विफलता दुर्लभ और असामान्य है। उसने कहा, ‘‘यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि आईएमडी ने हाल के वर्षों में दिल्ली में मानसून के आगे बढ़ने और मानसून 2021 के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के बारे में लगभग चार से पांच दिन पहले उच्च सटीकता के साथ अच्छी भविष्यवाणी की है।’’


15 जून तक मानसून के आने की हुई थी भविष्यवाणी
आईएमडी ने 13 जून को कहा था कि दक्षिण पश्चिम मानसून 15 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में पहुंच जाएगा। आईएमडी ने कहा कि 3 जून को केरल में मानसून की शुरुआत के बाद, अनुकूल वायुमंडलीय परिसंचरण और बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव प्रणाली के साथ मॉनसून 13 जून तक देश में आगे बढ़ता रहा। 13 जून तक, इसने उत्तर पश्चिम भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लिया था।
न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन (एनडब्ल्यूपी) मॉडल ने 13 जून को उत्तर पश्चिमी भारत में नम निचले स्तर की पूर्वी हवाओं के साथ अनुकूल परिस्थितियां होने का संकेत दिया, जिससे बाद के 48 घंटों में मानसून को मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में आगे बढ़ने में मदद मिलती।

 

मानसून की प्रगति होगी धीमी
आईएमडी ने कहा, ‘‘तदनुसार, 13 जून को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी जिसमें 15 जून तक दिल्ली में मानसून के संभावित आगमन का संकेत दिया गया था।’ हालांकि 14 जून को, उपग्रह और एनडब्ल्यूपी मॉडल पर आधारित मौसम विश्लेषण ने उत्तर-पश्चिम भारत पर पूर्वी हवाओं के कमजोर होने का संकेत मिला। इसने 14 जून को एक अद्यतन प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें यह संकेत दिया गया कि दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के शेष हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की आगे की प्रगति धीमी और विलंबित होगी।
 


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Content Writer

vasudha

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