अवैध धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 10 लोग गिरफ्तार
punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 11:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण कराने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ कर इस सिलसिले में छह राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा, “इस गिरोह में संलिप्त 10 व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश समेत देश के छह राज्यों से गिरफ्तार किया गया है।” उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच मार्च में आगरा में तब शुरू की गई जब 33 वर्षीय और 18 वर्षीय दो बहनों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई। जांच में खुलासा हुआ कि इन बहनों का कथित तौर पर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इनमें से एक युवती ने एक हथियार के साथ सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर भी पोस्ट की थी।
आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ‘लव जिहाद' में शामिल एक गिरोह द्वारा इन बहनों को निशाना बनाया गया था। हमें इनका वित्तपोषण अमेरिका और कनाडा से होने का सुराग भी मिला।” आगरा पुलिस ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल से दो, गोवा से एक, उत्तराखंड से एक, दिल्ली से एक, राजस्थान से तीन और उत्तर प्रदेश से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गोवा निवासी आयशा, कोलकाता निवासी अली हसन और ओसामा, आगरा निवासी रहमान कुरैशी, मुजफ्फरनगर निवासी अबु तालिब, देहरादून निवासी अबुर रहमान, राजस्थान निवासी मोहम्मद अली, जयपुर निवासी जुनैद कुरैशी और मोहम्मद अली तथा दिल्ली निवासी मुस्तफा के रूप में हुई है।
आगरा पुलिस द्वारा न्यायालय से समस्त अभियुक्तों का 10 दिनों का पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया है। कुमार ने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने इस जटिल नेटवर्क के भीतर विविध भूमिकाएं निभाई हैं। इनकी गतिविधियों में अवैध रूप से धन प्राप्त करना, धर्म परिवर्तन के लिए सुरक्षित घर उपलब्ध कराना, कानूनी सलाह की पेशकश करना और अन्य तरह की सहायता उपलब्ध कराना शामिल है।
इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेषज्ञ इकाइयों- एसटीएफ और एटीएस को जांच में सहयोग के लिए शामिल किया गया। यह कार्रवाई “मिशन अस्मिता” के तहत की गई जिसका उद्देश्य ऐसे अवैध गिरोह को ध्वस्त करना है। डीजीपी कृष्ण ने कहा, “मिशन अस्मिता के तहत विशेष रूप से उन अपराधियों को लक्ष्य बनाया जाता है जो लव जिहाद, अवैध धर्मांतरण, अतिवादी बनाने और अंतरराष्ट्रीय जिहादी वित्तपोषण के जरिए देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने जैसे गंभीर अपराधों में शामिल हैं।”