कमरे की लाइट जलाई और गर्भवती महिलाओं के साथ शुरू हुआ यह गंदा खेल, सामने जो देखा...

punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 12:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क। अहमदाबाद के पनामा गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 105 में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। न कोई अस्पताल न कोई डॉक्टर बस तीन महिलाएं जिन्हें पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ये महिलाएं अवैध रूप से गर्भपात का धंधा चला रही थीं।

कैसे हुआ पर्दाफाश?

मामले का खुलासा तब हुआ जब अहमदाबाद ग्रामीण की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पनामा गेस्ट हाउस पर छापा मारा। पुलिस को एएसआई भरत सिंह और खुमान सिंह को पेट्रोलिंग के दौरान यह गुप्त सूचना मिली थी कि बावला स्थित पनामा गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 105 में अवैध गर्भपात किया जा रहा है।

सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने गेस्ट हाउस में छापा मारा। दरवाजा तोड़ते ही सामने का दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाला था। कमरे में तीन महिलाएं मौजूद थीं और उनके पास से एक भ्रूण बरामद हुआ। कमरे में बिखरी हुई सर्जिकल किट्स भी मिलीं जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण था कि गर्भपात कुछ ही पलों पहले हुआ था।

 

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मुख्य आरोपी हेमलता बेन का काला धंधा

गिरफ्तार महिलाओं में हेमलता बेन नामक महिला मुख्य आरोपी है। हेमलता मूल रूप से धोलका के कलिकुण्ड की निवासी है। चौंकाने वाली बात यह है कि हेमलता पहले एक सरकारी अस्पताल में काम कर चुकी थी और उसने नर्सिंग का कोर्स भी किया था। अस्पताल में काम करने के दौरान ही उसे गर्भपात की प्रक्रिया की पूरी जानकारी हो गई थी।

हेमलता इस ज्ञान का गलत इस्तेमाल कर गर्भवती महिलाओं को अपने जाल में फंसाती थी। वह उन्हें लालच और डर दोनों का सहारा लेती थी यह विश्वास दिलाती थी कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के वह सुरक्षित रूप से गर्भपात करवा सकती है। इस अवैध काम के बदले वह मोटी रकम वसूलती थी और फिर बावला स्थित गेस्ट हाउस में कमरा किराए पर लेकर इस घिनौने कार्य को अंजाम देती थी।

 

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डीवाईएसपी नीलम गोस्वामी ने दी जानकारी

डीवाईएसपी नीलम गोस्वामी ने बताया कि पुलिस टीम ने गेस्ट हाउस में प्रवेश करते ही सभी महिलाओं को रंगे हाथों पकड़ लिया। मौके से बरामद भ्रूण ने इस अवैध रैकेट की गंभीरता को और भी स्पष्ट कर दिया।

वहीं पुलिस ने हेमलता और अन्य दो महिलाओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 91, 92, 54 और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अधिनियम 1971 की धारा 5(2) और 5(3) के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह मामला अब बावला पुलिस स्टेशन में दर्ज है और पुलिस इसकी गहराई से जांच कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर अवैध गर्भपात के धंधे की भयावहता को उजागर किया है जो समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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