कोरोना से जूझ रहे किसानों के लिए बढ़ी परेशानी, IFFCO ने डीएपी के दाम में 58 फीसदी की बढ़ोतरी की

punjabkesari.in Thursday, Apr 08, 2021 - 04:55 PM (IST)

नेशनल डेस्क : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं, दूसरी ओर खेती के लिए अति महत्वपूर्ण रासायनिक खाद डाई अमोनियम फास्फेट या DAP के दामों में बढ़ौत्तरी कर दी गई है। सहकारी क्षेत्र के इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोओपरेटिव (IFFCO) ने 50 किलो वाले डीएपी खाद की कीमत में 58.33 फीसदी बढ़ौत्तरी कर दी है। साफ शब्दों में बताएं तो जो बोरी पिछले महीने 1,200 रुपये में मिलती थी, अब उसकी कीमत 1,900 रुपये कर दी गई है। 

Rising input price to increase fertiliser subsidy | Business Standard News
कंपनियों ने पहले ही बढ़ा दिए दाम
IFFCO सहकारी सेक्टर की कंपनी है, जिस पर काफी हद तक सरकार का कंट्रोल है। लेकिन, निजी क्षेत्र की कंपनियों ने तो पिछले महीने ही 50 किग्रा के बैग की कीमत 300 रुपये बढ़ा दी थी। उस समय डीएपी के 50 किग्रा के एक बैग की कीमत 1200 रुपये थी तो निजी क्षेत्र की पारादीप फॉस्फेट लिमिटेड (PPL) और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स कॉर्पोरेशन (GSFC) ने इसका प्रिंट रेट 1,500 रुपये कर दिया था। अब जबकि इफको ने ही इसका दाम 1,900 रुपये कर दिया है तो अन्य कंपनियां भी ऐसा ही करेंगी।

अपने सपनों को कीजिये साकार इफको किसान फाइनेंस के साथ – IFFCO Kisan Finance
इन कारणों से बढ़े दाम
इफको के अधिकारी बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फोरिक एसिड और रॉक फॉस्फेट की कीमत चढ़ने से यह परिस्थितियां पैदा हुई हैं। उनका कहना है कि देश में इसकी उपलब्धता काफी कम है। इसलिए ये दोनों उत्पाद बाहर से मंगाए जाते हैं। किसानों का कहना है कि अब डीएपी की मुख्य मांग जून-जुलाई में खरीफ की फसलों की बुवाई के दौरान होगी। इस समय गन्ना, मूंग, मेंथा और सब्जियों की फसलों में ही डीएपी की जरूरत है, जोकि बहुत अधिक नहीं होती है। इस कारण रेट बढ़ने पर भी किसी तरह का पैनिक नहीं फैलेगा। लेकिन खरीफ की बुवाई शुरू होते ही हाहाकार मचेगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Recommended News

Related News