खाताधारकों को बड़ी राहत: अगर बैंक डूबा तो अब मिल सकते हैं ₹5 लाख की जगह ₹10 लाख तक बीमा
punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 08:20 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है, जिससे करोड़ों बैंक ग्राहकों को राहत मिल सकती है। अभी तक अगर किसी बैंक का दिवालिया निकलता है तो जमाकर्ता को केवल ₹5 लाख तक की बीमा सुरक्षा मिलती है। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि इस सीमा को दोगुना कर ₹10 लाख किया जा सकता है।
क्या है मामला?
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है और आगामी छह महीनों में इसकी घोषणा संभव है। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो सरकार ने इस पर आंतरिक स्तर पर मंथन शुरू कर दिया है।
कौन देता है ये बीमा?
बैंक जमा पर बीमा सुरक्षा देने की जिम्मेदारी DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) की होती है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है। यह संस्था देश के वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों में उपभोक्ताओं की जमा राशि की गारंटी देती है।
बीमा सीमा बढ़ाने की मांग
फिलहाल अभी ₹5 लाख की सीमा वर्ष 2020 में तय की गई थी, जब PMC बैंक घोटाले के बाद बैंक ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे ₹1 लाख से बढ़ाया गया था। अब महंगाई, बढ़ते निवेश और आर्थिक सुरक्षा के मद्देनज़र इसे और बढ़ाने की मांग उठ रही है।
सरकार ले सकती है इन पर बड़ा फैसला
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार निम्नलिखित पहलुओं का विश्लेषण कर रही है:
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सीमा बढ़ने से कितने खाताधारकों को लाभ मिलेगा?
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कुल कितनी जमा राशि बीमा के दायरे में आएगी?
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सरकार पर वित्तीय बोझ कितना पड़ेगा?
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वर्तमान आय स्तर और जोखिम को देखते हुए कितनी गारंटी दी जा सकती है?
आरबीआई का क्या कहना है?
हाल ही में वित्तीय मामलों के सचिव और RBI गवर्नर ने बताया कि फिलहाल कोई औपचारिक प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ है, लेकिन चर्चा जरूर चल रही है। मौजूदा सीमा के तहत आज भी करीब 97% खाताधारक कवर हो रहे हैं, लेकिन उच्च जमा वालों को लेकर चिंता बनी हुई है।
कब-कब बीमा सीमा कैसे बदली?
भारत में 1962 में बैंक जमा बीमा की शुरुआत हुई थी। शुरुआत में बीमा सीमा ₹1,500 थी। इसके बाद:
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1976 में ₹20,000
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1980 में ₹30,000
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1993 में ₹1 लाख
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2020 में ₹5 लाख
अब एक बार फिर बदलाव की बारी आ गई है, जिससे देश के बैंकिंग ग्राहकों को एक नई आर्थिक सुरक्षा मिल सकती है।