10 प्वाइंट्स में जानिए, कुलभूषण जाधव से जुड़ा पूरा मामला

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2019 - 07:03 PM (IST)

नई दिल्लीः यह संयोग ही है कि आज (17 जुलाई) अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस है और आज के दिन ही भारत-पाकिस्तान के बीच एक और विवाद की वजह बने कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत में फैसला आ गया है। भारतीय सेना से रिटायर हो चुके जाधव इस समय पाकिस्तान की जेल में कैद है। उन्हें अप्रैल, 2017 को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने कुलभूषण जाधव की सुरक्षित रिहाई की भारत की अपील खारिज कर दी है।

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भारत के दावे, पाकिस्तान की दलीलें

भारत के मुताबिक,  कुलभूषण जाधव जो भारतीय नौसेना से रिटायर अफसर हैं। वह बिजनेस यात्रा पर ईरान गए थे और वहां उनका अपहरण कर पाकिस्तान ले जाया गया था, जहां पाक की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद का दोषी मानते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। पाक ने दलील दी थी कि उन्होंने जाधव को मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से उस समय गिरफ्तार किया था जब वह ईरान के रास्ते दाखिल होने की फिराक में थे।    

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10 बिंदुओं में समझे पूरा मामला

  • पाकिस्तान ने 3 मार्च 2016  कहा कि उसने एक सेवानिवृत्त भारतीय नेवी के अधिकारी को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया है जबकि भारत ने दावा किया कि जाधव को ईरान से अपहरण किया गया था।   
  • पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज ने 7 दिसंबर, 2016 को माना जाधव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। हालांकि पाक विदेश मंत्रालय ने उसी दिन एक विज्ञप्ति जारी कर अजीज के बयान को खारिज कर दिया।
  • 6 जनवरी, 2017 को पाक ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियों गुतरेस को भारत द्वारा पाकिस्तान में अस्थिरता फैलाने के संबंध में एक डॉजियर सौंपा है। 
  • पाकिस्तान सेना की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने 10 अप्रैल, 2017 को जाधव को सैन्य अदालत द्वारा फांसी दी जाने की सूचना दी।
  • 26 अप्रैल, 2017  पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के अनुरोध को 16वीं बार खारिज किया। 
  • काउंसलर एक्सेस ना देने पर भारत ने 8 मई, 2017 को न्याय की मांग करते हुए संयुक्त राष्ट्र में एक याचिका दी। साथ ही पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
  • इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने 9 मई, 2017 को पाक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दी गई फांसी की सजा पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगाई । 
  • भारत ने 17 अप्रैल, 2018 को दूसरे दौर की याचिका अंतरराष्ट्रीय अदालत में दी। यह याचिका ICJ के 17 जनवरी 2018 के आदेश के बाद भारत ने दाखिल की।
  • भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 नवंबर, 2018 को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच की मांग की।
  • फरवरी, 2019 को अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाधव मामले की सुनवाई हुई। भारत की तरफ से इसमें वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जाधव के पक्ष में दलीलें रखीं।

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क्या है ICJ ?

इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) संयुक्त राष्ट् का एक न्यायिक अंग है। यहां देशों के बीच उपजे विवाद पर फैसले सुनाए जाते हैं। इसमें कुल 15 जज होतें हैं और हर एक कार्यकाल 9 वर्ष का होता है। जून, 1945 में स्थापित होने के बाद पहली कार्यवाही अप्रैल, 1946 में शुरू हुई। यह नीदरलैंड के हेग शहर में स्थित है। पहली बार 1999 में समुद्र में पाक के टोही विमान को मार गिराए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान आमने-सामने आए थे। उसके 18 साल बाद कुलभूषण मामले में ICJ में दोनों देश फिर से आमने-सामने हैं।     


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Author

Ravi Pratap Singh

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