ICICI Bank Balance: ग्राहकों के आगे झुका ICICI बैंक, ₹50,000 से घटाकर इतना किया न्यूनतम बैलेंस...

punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 07:47 AM (IST)

नई दिल्ली:  देश के प्रमुख निजी बैंकों में से एक ICICI बैंक ने हाल ही में अपने बचत खाता नियमों में बड़ा बदलाव किया है। बैंक ने शहरी इलाकों में नए ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत बैलेंस (Minimum Average Balance - MAB) की सीमा ₹50,000 से घटाकर ₹15,000 कर दी है। यह निर्णय बैंक द्वारा हाल ही में लागू की गई पुरानी नीति के खिलाफ उपभोक्ताओं की तीखी प्रतिक्रिया के बाद लिया गया है।

क्या था पहले का फैसला, और क्यों हुआ बदलाव?
ICICI बैंक ने 1 अगस्त 2025 से नए सेविंग अकाउंट्स के लिए मिनिमम बैलेंस की सीमा ₹10,000 से सीधे ₹50,000 कर दी थी, जो कि लगभग 5 गुना इजाफा था। इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर बैंक की भारी आलोचना हुई और ग्राहकों में नाराजगी देखी गई।

अब, ग्राहकों की फीडबैक को ध्यान में रखते हुए, बैंक ने नियम में नरमी बरतते हुए शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस की नई सीमा ₹15,000 तय की है। हालांकि, यह सीमा पहले की तुलना में ₹5,000 अधिक है, लेकिन ₹50,000 की तुलना में ग्राहकों को बड़ी राहत दी गई है।

शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में नया स्ट्रक्चर
क्षेत्र    नया MAB (नए ग्राहक)    पहले कितना था
शहरी (Urban)    ₹15,000    ₹50,000
अर्ध-शहरी (Semi-Urban)    ₹7,500    ₹25,000
ग्रामीण / पुराने ग्राहक    ₹5,000    अपरिवर्तित

बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह नई व्यवस्था केवल नए खाताधारकों पर लागू होगी जो 1 अगस्त 2025 या इसके बाद खाता खोलते हैं।

किन खाताधारकों को मिलेगी राहत?
ICICI बैंक की ओर से साफ किया गया है कि सैलरी अकाउंट, वरिष्ठ नागरिक, और पेंशनभोगी इस नियम से बाहर रहेंगे। इसके अलावा, जो ग्राहक 31 जुलाई 2025 से पहले खाता खोल चुके हैं, उनके लिए भी पुराना मिनिमम बैलेंस नियम ही मान्य रहेगा।

ICICI बनाम अन्य बैंक: क्या फर्क है?
SBI जैसे बड़े सरकारी बैंक ने तो 2020 में ही न्यूनतम बैलेंस की अनिवार्यता खत्म कर दी थी।
अन्य प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर बैंकों में यह सीमा आमतौर पर ₹2,000 से ₹10,000 के बीच होती है।
ICICI बैंक अब भी अपने मुकाबले के कई बैंकों से ज्यादा मिनिमम बैलेंस की मांग कर रहा है।

 मिनिमम बैलेंस चार्ज आखिर क्यों लगता है?
बैंक के लिए सेविंग अकाउंट का संचालन केवल पैसे जमा रखने तक सीमित नहीं है। एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, SMS अलर्ट, नेट बैंकिंग, 24x7 कस्टमर सपोर्ट जैसी सुविधाएं ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाती हैं, जिनकी लागत बैंक को उठानी पड़ती है। इसके अलावा, कर्मचारियों का वेतन, ब्रांच की मेंटेनेंस और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे खर्चों को कवर करने के लिए बैंक मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना करने पर चार्ज लगाते हैं।


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Content Writer

Anu Malhotra

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