Minimum Balance को लेकर RBI का बड़ा बयान, बैंकों को मिली पूरी छूट

punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 04:14 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को स्पष्ट किया कि नॉन-सैलरी सेविंग अकाउंट के लिए न्यूनतम बैलेंस तय करने का अधिकार पूरी तरह बैंकों के पास है और यह निर्णय किसी नियामक (रेगुलेटरी) दायरे में नहीं आता।

गुजरात में एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अलग-अलग बैंक अपनी नीतियों के मुताबिक मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) तय करते हैं—कुछ बैंक इसे 2,000 रुपए रखते हैं, कुछ 10,000 रुपए, जबकि कई बैंकों ने यह सीमा पूरी तरह हटा दी है।

यह बयान ऐसे समय आया है जब देश के दूसरे सबसे बड़े ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने अपने नए ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस में बड़ा बदलाव किया है। बैंक ने 1 अगस्त से मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए MAB को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया है। पुराने ग्राहकों के लिए फिलहाल यह सीमा 10,000 रुपए ही बनी रहेगी।

नई शर्तों के मुताबिक-

  • अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों को 25,000 रुपए का MAB रखना होगा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए यह सीमा 10,000 रुपए है।
  • ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के पुराने ग्राहकों के लिए MAB 5,000 रुपए प्रति माह रहेगा।

नियम न मानने पर जुर्माना बैलेंस का 6% या 500 रुपए (जो कम हो) होगा। साथ ही, बचत खाते में अब केवल तीन बार मुफ्त कैश डिपॉजिट की अनुमति है, इसके बाद प्रति लेन-देन 150 रुपए शुल्क लगेगा।

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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