UN में जयशंकर ने गाजा नागरिकों के कष्ट पर उठाई आवाज, कहा-भुखमरी को युद्ध हथियार बनाना गलत
punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 02:41 PM (IST)

International Desk: भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के त्रिपक्षीय समूह IBSA ने गाजा पर जारी इजराइली हमलों की कड़ी निंदा की है और कब्जे वाले फिलीस्तीनी क्षेत्रों में नागरिकों की दयनीय स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाहर आयोजित इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका के मंत्री सिंडीसिवे चिकुंगा ने भाग लिया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में गाजा पट्टी में नागरिकों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि भुखमरी को युद्ध का हथियार बनाने का प्रयास पूरी तरह अस्वीकार्य है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में इजराइली हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि लंबे समय से जारी संघर्ष में आम नागरिकों को असाधारण पीड़ा उठानी पड़ रही है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया, ताकि इस मानवतावादी संकट को रोका जा सके।जयशंकर ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट किया कि भारत हमेशा से अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार कानून का पालन करता रहा है। उन्होंने कहा, “नागरिकों को निशाना बनाना या भुखमरी जैसे साधनों को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना वैश्विक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। ऐसे समय में हमें स्थायी शांति और युद्धविराम की दिशा में काम करना होगा।”
भारत ने विशेष रूप से यह भी कहा कि वर्तमान संकट केवल गाजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता को जन्म देता है। उन्होंने कहा कि किसी भी संघर्ष का समाधान केवल सैन्य बल या आक्रामकता से नहीं किया जा सकता, बल्कि कूटनीति, संवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए ही स्थायी शांति स्थापित की जा सकती है।जयशंकर के भाषण में भुखमरी को युद्ध का हथियार बनाने के प्रयास पर चिंता जताई गई और कहा गया कि वैश्विक समुदाय को इस पर कठोर नजर रखनी चाहिए। विश्लेषकों का कहना है कि भारत का यह कदम न केवल गाजा में फंसे नागरिकों के लिए एक स्पष्ट संदेश है, बल्कि वैश्विक स्तर पर यह संकेत है कि भारत किसी भी तरह के युद्ध और मानवता के खिलाफ कार्यों के खिलाफ आवाज बुलंद करता रहेगा।
IBSA ने विशेष रूप से ‘‘भुखमरी को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल’’ किए जाने की निंदा की और स्थायी युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया। समूह ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप इजराइली हमले तुरंत बंद हों, गाजा पट्टी से इजराइली सैनिक पूरी तरह पीछे हटें और हमास द्वारा बचे हुए बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो। एक बयान में IBSA ने कहा, ‘‘मंत्रियों ने कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्रों में स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की और गाजा पर इजराइली हमलों की निंदा की, जो लगभग दो साल बाद भी नागरिक आबादी को अभूतपूर्व कष्ट दे रहे हैं।’’ साथ ही, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेषकर मानवाधिकार कानून का पालन करने की भी अपील की।इस बैठक की समयसीमा ऐसे दौर में आई है जब कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में फलस्तीनी राष्ट्र को औपचारिक मान्यता दी है।