''राम-कृष्ण को नहीं मानूंगा न करूंगा उनकी पूजा'', केजरीवाल के मंत्री ने दिलाई शपथ...BJP ने घेरा
punjabkesari.in Friday, Oct 07, 2022 - 01:24 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के नागपुर में आयोजित बौद्ध महासभा के आयोजन में शामिल होने का वीडियो सामने आया है। इस महासभा में राजेंद्र पाल गौतम के शामिल होने पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा ने दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों को ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम और कृष्ण को ईश्वर ना मानने और इनकी कभी पूजा नहीं करने की शपथ दिलाई। भाजपा नेताओं ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ लेते दिख रहे हैं।
"मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, श्रीराम, श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूंगा, न ही उनकी पूजा करूंगा।"
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 7, 2022
Arvind Kejriwal’s minister Rajendra Pal executing the “Breaking India” project. Make no mistake, Kejriwal is the prime sponsor of this Hindu hate propaganda… pic.twitter.com/SZNBE2TJNC
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि एक बार फिर AAP का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब। केजरीवाल चुनाव के दौरान मंदिरों में क्या दर्शाने के लिए जाते हो? भाजपा के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने लिखा कि हिंदू विरोधी सोच सिर्फ आप के एक नेता की नहीं है बल्कि इसके पीछे केजरीवाल का प्रोपेगंडा है, हिंदुओं को तोड़ने का। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी अब गरीब हिंदुओं को मुफ्त सामान देकर धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन गई है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पूछा कि AAP इतनी हिंदू विरोधी क्यों है? आप के मंत्री हिंदू धर्म के खिलाफ शपथ ले भी रहे हैं और दिला भी रहे हैं।
क्या बोले राजेंद्र पाल गौतम
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि 1956 से आजतक देश और दुनिया में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली जाती है। हर साल ये कार्यक्रम आयोजित होता है। नागपुर में जहां बाबा साहेब अम्बेडकर ने दीक्षा ली थी, वहां हर साल 15 से 20 लाख लोग इकट्ठे होते हैं। गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, बिहार में कार्यक्रम आयोजित हुए हैं। दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने जब दीक्षा ली थी तो उन्होंने 22 प्रतिज्ञा ली थी। किसी की आस्था या धर्म को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं है। प्रतिज्ञाओं का एक ही मकसद है कि भारत मजबूत हो और जातिवाद मुक्त भारत बने।