BJP New President: बीजेपी में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष जल्द, बड़ा अपडेट आया सामने, ये 8 नाम लिस्ट में
punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 04:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों एक ही सवाल चर्चा का केंद्र बना हुआ है- पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? जे.पी. नड्डा का कार्यकाल आधिकारिक रूप से समाप्त हो चुका है, लेकिन उनकी जगह अब तक कोई नया नाम सामने नहीं आया है। यही कारण है कि नड्डा फिलहाल एक्सटेंशन पर पार्टी की कमान संभाले हुए हैं।
हालांकि अब, BJP और RSS के बीच लंबे समय से चल रही राय-मशविरा और सहमति की कवायद के बाद नए अध्यक्ष के नाम को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, इस महीने के अंत तक बीजेपी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया 20 अप्रैल के बाद कभी भी शुरू हो सकती है।
कौन होगा अगला क़मांडर?
नया अध्यक्ष कौन होगा, इस पर पार्टी के भीतर कई नामों की चर्चा है। लेकिन इतना तय है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और खुद नड्डा-एक ऐसे चेहरे की तलाश में हैं जो न केवल संगठन को नई दिशा दे सके, बल्कि 2029 तक के राजनीतिक रोडमैप को भी मजबूती दे सके।
नड्डा के दौर की उपलब्धियां बनीं मापदंड
जेपी नड्डा के नेतृत्व में पार्टी ने कई अहम चुनावों में जीत हासिल की, बूथ लेवल तक संगठन को मज़बूत किया और बीजेपी को एक बार फिर 2024 लोकसभा चुनाव में सत्ता के करीब ला दिया। पार्टी चाहती है कि नया अध्यक्ष भी ऐसा ही हो-संगठन चलाने में दक्ष, राजनीतिक तौर पर चतुर और हाईकमान का भरोसेमंद।
संघ और पार्टी में पहले नहीं बन पा रही थी सहमति
कुछ समय पहले खबरें आई थीं कि बीजेपी और आरएसएस एक नाम पर सहमत नहीं हो पा रहे थे। यही कारण था कि नए अध्यक्ष की घोषणा टलती रही। लेकिन अब अंदरखाने यह माना जा रहा है कि दोनों ही पक्षों ने एक साझा नाम पर लगभग सहमति बना ली है।
कौन बनेगा बीजेपी का अगला सेनापति? इन 8 नामों की चल रही सबसे ज़्यादा चर्चा
J P नड्डा के कार्यकाल के बाद अब सवाल यह है कि अगला अध्यक्ष कौन होगा जो 2029 तक पार्टी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इस रेस में आठ ऐसे चेहरे हैं जिनके नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं-संगठनात्मक अनुभव, सामाजिक समीकरण, संघ से नज़दीकी और क्षेत्रीय प्रभाव इनके मजबूत पक्ष माने जा रहे हैं।
सुनील बंसल:
भाजपा संगठन में रणनीति के माहिर माने जाने वाले सुनील बंसल ने उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बंगाल जैसे राज्यों में संगठन को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्हें पार्टी का "चाणक्य" तक कहा गया है। संघ के बेहद करीबी माने जाते हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं।
डी. पुरंदेश्वरी:
तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक एन.टी. रामाराव की बेटी और वर्तमान में आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी गंभीरता से लिया जा रहा है। उनकी उम्मीदवारी से पार्टी को आंध्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में नई ऊर्जा मिल सकती है।
तमिलिसाई सौंदर्यराजन:
पूर्व राज्यपाल और तमिलनाडु भाजपा की पूर्व अध्यक्ष तमिलिसाई लंबे समय से संगठन से जुड़ी रही हैं। उनका नाम दक्षिण भारत में मजबूत पैठ बनाने की रणनीति के तहत सामने आ रहा है। वे पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी नेताओं में गिनी जाती हैं।
धर्मेंद्र प्रधान:
ओडिशा से आने वाले धर्मेंद्र प्रधान न केवल एक वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री हैं बल्कि संगठन के पुराने सिपाही भी हैं। OBC वर्ग से आते हैं और मोदी-शाह की करीबी टीम में गिने जाते हैं। शिक्षा मंत्री रहते हुए राष्ट्रीय स्तर पर उनकी सक्रियता और स्वीकार्यता भी उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है।
शिवराज सिंह चौहान:
मध्यप्रदेश के चार बार के मुख्यमंत्री और छह बार के लोकसभा सांसद रहे शिवराज सिंह चौहान को पार्टी का सबसे अनुभवी और स्वीकार्य चेहरा माना जा रहा है। 'लाड़ली बहना' योजना जैसे सामाजिक अभियानों के कारण उनकी पहचान जनप्रिय नेता की है। OBC वर्ग से आते हैं और लंबे समय से संघ के विश्वस्त भी हैं।
रघुवर दास:
झारखंड के पहले पूर्ण कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास को उनकी सादगी, अनुशासन और जमीनी पकड़ के लिए जाना जाता है। OBC समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दास का नाम पूर्वी भारत में भाजपा को और विस्तार देने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
स्मृति ईरानी:
स्मृति ईरानी के पास ना सिर्फ प्रशासनिक अनुभव है, बल्कि वह महिला सशक्तिकरण का सशक्त चेहरा भी हैं। हिंदी पट्टी के साथ-साथ दक्षिण भारत में भी उनका प्रभाव है। संघ के साथ भी उनके रिश्ते सहज माने जाते हैं, और पार्टी में महिला नेतृत्व के प्रतीक के रूप में उनकी भूमिका उल्लेखनीय है।
वानति श्रीनिवासन:
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ-साथ संगठन में लंबा अनुभव रखने वाली वानति श्रीनिवासन का नाम दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार की दृष्टि से सामने आ रहा है। तमिलनाडु में पार्टी की साख बढ़ाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है।