'मुझे स्मृति ईरानी पर दया आती है, अब वह राहुल गांधी के PA से हार जाएंगी', केएल शर्मा की उम्मीदवारी पर बोले संजय राउत
punjabkesari.in Saturday, May 04, 2024 - 03:40 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भाजपा की अमेठी उम्मीदवार स्मृति ईरानी पर कटाक्ष करते हुए यूबीटी शिव सेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि उन्हें उन पर "दया" आती है क्योंकि उन्हें अब राहुल गांधी के निजी सहायक से हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने अमेठी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कई वर्षों तक काम किया है।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा, "मुझे स्मृति ईरानी के लिए दया और दया आती है क्योंकि अब, वह राहुल गांधी के पीए से हार जाएंगी... यह एक सोच-समझकर लिया गया निर्णय है। केएल शर्मा कांग्रेस पार्टी के एक वफादार कार्यकर्ता हैं।" उन्होंने अमेठी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कई वर्षों तक काम किया है।" उन्होंने आगे कहा कि गांधी परिवार के करीबी लोग पहले भी अमेठी से चुनाव लड़ चुके हैं। आरके धवन से लेकर कई अन्य लोगों ने अमेठी से चुनाव लड़ा है। बीजेपी इतनी चिंतित क्यों है?
#WATCH | Mumbai, Maharashtra: On Congress MP Rahul Gandhi's candidature from Raebareli Lok Sabha seat, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "People close to the Gandhi family have fought from Amethi previously...Why is the BJP so concerned?...I feel mercy and pity for Smriti… pic.twitter.com/WLqJD8rocm
— ANI (@ANI) May 4, 2024
राउत ने केएल शर्मा की तारीफ करते हुए उन्हें जमीनी स्तर का कार्यकर्ता बताया और कहा, ''वह जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं। अगर कोई जमीनी स्तर का कार्यकर्ता चुनाव लड़ता है तो इसमें बीजेपी को क्या परेशानी है? वह कांग्रेस के ही कार्यकर्ता हैं। उन्हें बाहर से नहीं लाया गया है।'' जैसे बीजेपी लोगों को चुनाव लड़ने के लिए लाती है, केएल शर्मा इस बार चुनाव जीत रहे हैं।'' कई हफ्तों के विचार-विमर्श और अटकलों के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के पारंपरिक गढ़ रायबरेली से उसके उम्मीदवार होंगे जबकि केएल शर्मा मौजूदा लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।
राहुल गांधी 2004 से अमेठी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वह 2019 तक इस निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य बने रहे। उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी 1981 से अपनी मृत्यु तक निचले सदन में अमेठी के निर्वाचित सदस्य थे। 2004 में राहुल गांधी को कमान सौंपने से पहले सोनिया गांधी ने 1999 में वहां से चुनाव लड़ा था। शर्मा का मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से होगा, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी पर जीत का दावा करते हुए कांग्रेस की गढ़ सीट पलट दी थी।